नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्यभर के नगर निकाय प्रशासन को हड़ताली सफाईकर्मियों से सख्ती से निपटने की निर्देश दिया है। इसके तहत सफाई कार्य में शामिल कर्मियों को तंग करने, कार्य में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करने वाले हड़ताली कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
गुरुवार को नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने राज्य के सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ बैठक की और सफाईकर्मियों के हड़ताल से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली। इस मौके पर कार्यपालक पदाधिकारियों ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से सफाई का कार्य कराया जा रहा है।
बताया गया कि बैठक में निर्देश दिया गया कि हड़ताल के दौरान नगर निकायों में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से सफाई कार्य कराया जाए। जिन नगर निगमों के साथ आउटसोर्सिंग एजेंसी नहीं है वे जल्द एजेंसी का निर्धारण कर दें। नगर विकास विभाग के विशेष सचिव सतीश कुमार सिंह ने सभी जिलों के जिलाधिकारी व आरक्षी अधीक्षक को निर्देश जारी कर कहा कि हड़तालियों द्वारा शहरी क्षेत्रों में यदि किसी भी प्रकार का व्यवधान जैसे सरकारी/निजी कार्यालयों में कार्य संपादन में व्यवधान, वाहनों के परिचालन पर रोक या उसे क्षति इत्यादि किया जाता है तो उक्त कर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए।
साथ ही आवश्यकता अनुसार संवेदनशील स्थानों पर दंडाधिकारी व पुलिस बल की तैनाती की जाए। दूसरी ओर, एक अन्य निर्देश में सिंह ने सभी नगर निगमों के आयुक्त व सभी नगर परिषद व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को कहा कि हड़ताल अवधि तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत हड़ताल पर गए कर्मियों की संख्या के बराबर की संख्या में आउटसोर्सिंग एजेंसी या निकटवर्ती नगर निकायों में कार्यरत एंजेसियों की सेवा ली जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि दैनिक पारिश्रमिक पर कर्मियों की सेवा ली जा सकती है। ताकि वर्तमान में विश्व व्यापी कोरोना महामारी इत्यादि के मद्देनजर शहर की साफ-सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से की जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि हड़ताल अवधि में शहर की साफ सफाई आदि किसी भी प्रकार से प्रभावित न हो, इसे सुनिश्चित किया जाए। गौरतलब है कि राज्यभर के नगर निकायों के 30 हजार से अधिक सफाईकर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। गत सात सितंबर से इनकी हड़ताल चल रही है।