पन्ना : हीरा की खदानों के लिए प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में 21 सितंबर से उज्ज्वल, मटमैले एवं औद्योगिक किस्म के 139 नग हीरों की नीलामी होगी। नीलामी में रखे जा रहे हीरों का वजन 156.46 कैरेट व अनुमानित कीमत 1.06 करोड़ रुपये आंकी गई है। हीरा अधिकारी पन्ना रवि पटेल ने बताया कि हीरों की नीलामी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नवीन नीलामी में 14.09 कैरेट वजन वाला जेम क्वालिटी का हीरा भी रखा जा रहा है।
कलेक्ट्रेट भवन में होगी नीलामी : इस नीलामी में 14.09 कैरेट वजन वाला जेम क्वालिटी का हीरा भी रखा जा रहा है, जो नीलामी में रखे जा रहे हीरों में सबसे बड़ा व कीमती है। हीरा अधिकारी पटेल ने बताया कि नीलामी में स्थानीय हीरा व्यापारियों के अलावा सूरत, दिल्ली, मुंबई और देश के अन्य हिस्सों के व्यापारियों के भाग लेने की संभावना है।
हीरों के उत्पादन में भी कोरोना का असर पड़ा : उल्लेखनीय है कि पन्ना जिले की उथली हीरा खदानों से प्राप्त होने वाले हीरों की नीलामी पूर्व में हर तीन माह में की जाती रही है, लेकिन कोविड-19 के चलते नीलामी जहां 6 माह बाद हो रही है वहीँ हीरों के उत्पादन में भी कोरोना का असर पड़ा है। उत्पादन कम होने तथा एनएमडीसी हीरा खदान के बंद होने से हीरा कारोबार पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। हीरा व्यवसायी रफ हीरों की उपलब्धता न होने से परेशान हैं। पन्ना के ज्यादातर हीरा व्यवसायियों का कारोबार ठप हो चुका है।
हीरा धारित पट्टी का विस्तार लगभग 70 किलोमीटर क्षेत्र में : मालुम हो कि पन्ना जिले में हीरा धारित पट्टी का विस्तार लगभग 70 किलोमीटर क्षेत्र में है, जो मझगवां से लेकर पहाड़ीखेरा तक फैली हुई है। हीरे के प्राथमिक स्रोतों में मझगवां किंबरलाइट पाइप एवं हिनौता किंबरलाइट पाइप पन्ना जिले में ही स्थित है। यह हीरा उत्पादन का प्राथमिक स्रोत है जो पन्ना शहर के दक्षिण-पश्चिम में 20 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां अत्याधुनिक संयंत्र के माध्यम से हीरों के उत्खनन का कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) द्वारा संचालित किया जाता रहा है। मौजूदा समय उत्खनन हेतु पर्यावरण की अनुमति अवधि समाप्त हो जाने के कारण यह खदान 1 जनवरी 21 से बंद है, जिसे पुनः शुरू कराने के लिए प्रयास हो रहे हैं।
वर्ष 2020 में 633 उत्खनन पट्टे बनाए गए थे : पन्ना स्थित हीरा कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में पन्ना और इटवां सर्किल में निजी और शासकीय भूमि में हीरा खदानों के पट्टे जारी
किए जा रहे हैं। पन्ना सर्किल में दहलान चौकी, सकरिया चौपड़ा, सरकोहा, कृष्णा कल्याणपुर (पटी), राधापुर व जनकपुर। जबकि इटवां सर्किल में हजारा मुड्ढा, किटहा, रमखिरिया, बगीचा, हजारा, और भरका आदि क्षेत्र शामिल हैं। हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि वर्ष 2020 में 633 उत्खनन पट्टे बनाए गए थे, जबकि वर्ष 2021 में जुलाई माह तक 542 पट्टे बनाए जा चुके हैं। हीरा खदान पट्टा के लिए इच्छुक व्यक्ति को जिला हीरा कार्यालय में दो सौ रुपये के चालान के साथ आवेदन करना होता है। तदुपरांत चाहे गए क्षेत्र में 8 बाय 8 मीटर क्षेत्र में उत्खनन पट्टा प्रदान कर दिया जाता है। खदान में हीरा प्राप्त होने पर नियमानुसार उसे हीरा कार्यालय में जमा किए जाने का प्रावधान है। इन हीरों की खुली नीलामी होती है, हीरा बिकने पर निर्धारित खनिज राजस्व काटकर शेष राशि संबंधित व्यक्ति को प्रदान की जाती है।