मुजफ्फरपुर में सदर थाना के कच्ची पक्की में दुकानदार आशीष को गोली मारने की घटना CCTV में कैद हो गयी है। इसमें तीनों अपराधियों को स्पष्ट रूप से गोली चलाते हुए देखा जा रहा है। गल्ला से रुपये लूटने का विरोध करने पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिसमें एक गोली आशीष के पेट मे लगी। हालांकि, घटना के देखकर पुलिस को लग रहा है कि इसे लूटपाट का रूप देने की कोशिश की गई है। मामला कुछ और प्रतीत हो रहा है। क्योंकि, सिगरेट खरीदने के बाद तीनों अपराधी दुकान के बाहर दस मिनट तक खड़े थे। लाल टीशर्ट पहना अपराधी किसी से काफी देर तक मोबाइल पर बात कर रहा था। इसके बाद तीनों दुकान में घुसे। गल्ला से रुपये लूटने लगा। आशीष की मां ने भी इसका विरोध किया। उनके साथ अपराधियों में धक्का मुक्की की। आशीष बीच-बचाव करने गए, तभी गोलीबारी कर दी। पेट के बगल में गोली लगने के बाद वे हाथ से दबाकर अपराधियों के पीछे भागे। उनकी मां भी सजोर मचाते हुए दौड़ी। फिर आशीष गिर गए। हल्ला-हंगामा सुनकर आसपास के लोगों ने खदेड़ कर एक अपराधी को दबोच लिया। अन्य दो मौके से भाग निकले।
अहियापुर से जुड़ रहा कनेक्शन
पुलिस पूछताछ व जांच में पता लगा कि अहियापुर के एक भी शातिर की इसमे संलिप्तता है। उसकी तलाश में टीम छापेमारी कर रही है। पुलिस की माने तो घटना को उसी के इशारे पर अंजाम दिया गया है। पुलिस पूछताछ में आशीष की मां किसी तरह के विवाद से इंकार कर रही हैं।
चौक पर पुलिस गश्त लगा रही थी
इस घटना में फिर एक बार पुलिस की रात्रि गश्ती पर सवाल उठ रहा है। लोगों ने बताया कि कच्ची पक्की चौक पर सदर थाना की पुलिस गश्त लगा रही थी। जिस समय अपराधी मोबाइल से बात कर रहा था। बताया जाता है पुलिस वहां से निकली है और अपराधियों ने गोलीबारी कर दी। अब सवाल उठता है कि आखिर ये कैसी गश्ती है की अपराधी आराम से हथियार लेकर घूमते हैं और पुलिस गश्ती के नाम पर खानापूर्ति करती है।
आरपार कर गयी थी गोली
आशीष के भाई मनीष ने बताया कि गोली आरपार कर गयी थी। अभी पटना के पारस अस्पताल में भर्ती है। आज सुबह उसका आपरेशन हुआ है। लेकिन, अबतक होश नहीं आया है। उन्होंने कहा कि आशीष इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर नौकरी करता था। लॉकडाउन होने के बाद से पिछले एक साल से घर पर था। खाली समय मे वह दुकान पर बैठता था।
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