5 करोड़ रुपए लेकर टिकट नहीं देने का आरोप राजद और कांग्रेस के कई नेताओं पर लगा है। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह के कोर्ट ने शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राज्य सभा सदस्य मीसा भारती, विधान सभा के भूतपूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह के पुत्र शुभाकांत मुकेश, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके बाद इन पार्टियों के प्रवक्ताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
यह आरोप लगाया गया है
कोर्ट ने यह आदेश संजीव सिंह द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी के आरोप के बाद दिया है। संजीव सिंह ने कोर्ट में खुद को बिहार कांग्रेस का प्रभारी पर्यवेक्षक बताया है। उन्होंने 18 अगस्त 2021 को यह परिवाद दायर किया था। आरोप में कहा है कि भागलपुर से लोक सभा का टिकट देले के बदले में 15 जनवरी 2019 को पांच करोड़ रुपए लिए और दूसरे को टिकट दे दिया। कोर्ट को यह भी बताया है इसके बदले में विधान सभा चुनाव में दो टिकट देने का भरोसा दिया गया था। लेकिन विधान सभा में भी टिकट नहीं दिया गया। इस मामले में पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह ने सुनवाई की थी और 31 अगस्त 2021 को आदेश को सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद 16 सितंबर को पटना के एसएसपी के जरिए कोतवाली थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया गया।
तेजस्वी यादव की लोकप्रियता देख उन्हें बदनाम करने की साजिशः राजद
राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चिंतरंजन गगन ने तेजस्वी यादव और मीसा भारती पर लगाए गए आरोप के जवाब में कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की लोकप्रियता और स्वीकार्यता जनता में बढ़ती देख उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। कहा कि हमें न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा है। इस झूठ का पर्दाफाश न्यायालय में किया जाएगा।
इस तरह की हरकत कोई विक्षिप्त ही कर सकता हैः कांग्रेस
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि संजीव सिंह कांग्रेस पार्टी का सदस्य नहीं है। वह स्वघोषित क्रांगेसी है। कहा कि इस व्यक्ति ने भावी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का पोस्टर लगा लिया था। इतने से भी मन नहीं भरा तो देश के भावी प्रधानमंत्री का पोस्टर लगा लिया था। इस तरह की हरकत कोई विक्षिप्त व्यक्ति ही कर सकता है। कहा कि हमारी कभी आमने-सामने मुलाकात भी नहीं है। फिर भी न्यायायल ने जब निर्देशित किया है तो कांग्रेस पार्टी वहां प्रमाण देगी।