सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में 1976 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा बड़ौला व आसपास के गांव की करीब 744 बीघा जमीन के अधिग्रहण मामले में किसानों को राहत देते हुए मुआवजा राशि बढ़ाने का फैसला लिया है।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि किसानों को 28.12 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से मुआवजा दिया जाए। 1976 में उद्योग लगाने के उद्देश्य से प्राधिकरण द्वारा इन जमीनों का अधिग्रहण किया गया था। जमीन के अधिग्रहण के समय उन्हें 4.628 रुपये और 6 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा देने का निर्णय किया गया था।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता भूमि मालिकों के उस दावे को खारिज कर दिया कि बाद के वर्षों में हुए अधिग्रहण पर किसानों को अधिक मुआवजा मिला था, इसलिए उन्हें भी उसी के अनुरूप मुआवजा मिलना चाहिए। किसानों के वकील डॉ. राजीव शर्मा और हर्षवीर प्रताप सिंह की दलील थी कि किसानों को 297 रुपये प्रति वर्ग गज मुआवजा दिया जाना चाहिए।
ककराला खासपुर मामले का दिया हवाला
वकील ने मंगू व अन्य मामले का हवाला दिया, जो ककराला खासपुर गांव से संबंधित था, जो बड़ौला गांव से सटा हुआ है। उस मामले में हाईकोर्ट ने किसानों को अधिग्रहीत जमीन के एवज में 297 प्रति वर्ग गज मुआवजा दिया था।