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लखनऊ : खनन माफिया हाफिज पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू, कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

अवैध बालू व मिट्टी खनन से धरती की कोख खाली कर लाखों की कमाई करने वाले खनन माफिया हाफिज अली पर शिकंजा करने की कवायद शुरू हुई है। राजनीतिक रसूख के चलते बचते आ रहे खनन माफिया के उस स्थगन आदेश के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई है जिसमें तीन साल पहले एनजीटी ने 212 करोड़ रुपया का जुर्माना लगाकर रिकवरी का आदेश दिया था। 

शुरुआती तौर पर प्रशासन ने इसमें तेजी दिखाते हुए खनन माफिया के खिलाफ करीब 12 करोड़ की चल अचल संपत्ति जब्त कर नीलाम करने की कार्रवाई की थी लेकिन बाद में न्यायालय से स्थगन आदेश लेने के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। इस मामले में प्रभावित गांव के करीब 35 लोगों ने जनहित याचिका दायर कर खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। न्यायालय ने जिलाधिकारी के माध्यम से इस मामले में पूरा ब्यौरा तलब किया है।

प्रदेश में कई खनन व भू माफियाओं के खिलाफ अभियान चला कर बड़ी कार्रवाई हुई लेकिन अयोध्या से सटे नवाबगंज जनपद गोंडा के खनन माफिया हाफिज अली अभी भी अवैध खनन को लेकर बेखौफ हैं। इसके खिलाफ उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में खनन माफिया से प्रभावित गांव के 35 से अधिक ग्रामीणों ने जनहित याचिका दाखिल की थी। जनहित याचिका संख्या सिविलद्य 21499 (एमबी) 2021 रामलगन बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च न्यायालय ने बीते 23 सितम्बर 2021 को 2 सप्ताह में शासन से रिपोर्ट तलब की है। राज्य सरकार जिलाधिकारी गोंडा द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट को ही उच्च न्यायालय में दाखिल करेगी। खनन माफिया के खिलाफ थाना नवाबगंज में अवैध खनन, गुंडा सहित अन्य धाराओं में दस मुकदमें दर्ज हैं। 

सांसद गोंडा कीर्तिवर्धन सिंह ने की थी शिकायत
गोंडा के सांसद कीर्ति वर्धन सिंह ने संसदीय क्षेत्र में अवैध खनन होने के कारण हाफिज अली के खिलाफ तथ्यों के साथ शिकायत की थी। इस पर एनजीटी ने समिति गठित कर जांच करवाई। जांच में टीम ने पाया कि 2011 से 2017 के मध्य 2388229 घनमीटर अवैध बालू का खनन किया गया। इससे सरकार को 93 करोड़ 54 लाख रुपए राजस्व का नुकसान हुआ साथ ही पर्यावरण को बहुत की नुकसान हुआ है। 

टीम की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी जेबी सिंह ने 500 रुपए प्रति घनमीटर की दर से एक अरब 19 करोड़ 41 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसके अलावा पर्यावरण क्षति, रेलवे लाइन की क्षति आदि को जोड़कर एनजीटी ने 212 करोड़ 46 लाख रुपए का जुर्माना ठोका और रिकवरी का आदेश दिया था। इसके एवज में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए करीब 12 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच कर दिया था। यह आदेश 24 जुलाई 2018 को जारी किया गया था।

कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
गोंडा के हारफ़ज को देवीपाटन मंडल के सभी प्रभावशाली नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। चुनाव में इन राजनीतिक लोगों को बड़े पैमाने पर आर्थिक मदद भी खुले हाथ से की जाती है। इसी कारण बीते 15 सालों में गोंडा जिले में हाफिज के अवैध खनन पर कार्रवाई करने वाली रोशन जैकब इकलौती जिलाधिकारी रही हैं। उनके रहने तक कार्रवाई का असर जरूर थोड़े दिनों दिखा लेकिन उनके हटने के बाद अवैध खनन फिर से बेखौफ चल रहा है।