मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया, ‘साल 2020 तक सबको मकान मिल जाए, इसके लिए सस्ते मकान को बुनियादी ढांचे की श्रेणी में डालना जरूरी है। सरकार ने इस बारे में महीनेभर पहले राय मंगाई गई थी। यह काम इस बार के आम बजट में हो सकता है।’ सरकार साल 2020 तक लगभग 2 करोड़ लोगों को मकान मुहैया कराने की पसंदीदा योजना को बढ़ावा दे रही है। उसने प्रस्तावित बदलाव के बारे में फीडबैक मांगने और उसके दुरुपयोग पर रोकथाम के लिए वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और रिजर्व बैंक से संपर्क किया है।
एक अन्य सूत्र ने बताया, ‘किफायती मकान को परिभाषित करना बड़ी बात होगी। इन सभी प्रॉजेक्ट्स को इस तरह से बढ़ावा देना होगा होगा कि परियोजना पूरा होने से पहले कोई भी अपना पैसा नहीं निकाल सके।’ रियल एस्टेट डिवेलपर्स पर इस समय बहुत दबाव है क्योंकि उन लोगों ने ऊंची दर पर फंड जुटाए थे। इसके अलावा बैंक इस सेक्टर को लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं। 8 नवंबर को नटोबंदी के ऐलान के बाद हालात बिगड़ गए जिसके चलते रियल एस्टेट में बिक्रियां घट गईं।