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प्रिया हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा: कहां गया कमर से ऊपर का आधा कंकाल?, सिर्फ पैरों की हड्डियां मिलीं

बरेली के जोगीनवादा की प्रिया की हत्या के मामले में अब एक सनसनीखेज तथ्य सामने आया है। पुलिस प्रिया हत्याकांड का खुलासा कर एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। पकड़े गए हत्यारोपियों की निशानदेही पर अरिल नदी किनारे से कंकाल भी बरामद कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि कंकाल प्रिया का ही है, लेकिन इस कंकाल को लेकर पुलिस आधा सच ही बता रही है। 

दरअसल पुलिस जिसे पूरा कंकाल बता रही है, वह कंकाल के नाम पर महज दो टांगे हैं। यानी कमर से नीचे का हिस्सा है, जो नदी किनारे जमीन में दबा मिला। कमर से ऊपर का पूरा हिस्सा ही गायब है। ऊपरी हिस्से की एक भी हड्डी नहीं मिली है। सवाल यह है कि आखिर शरीर का ऊपरी हिस्सा कहां गया। कहीं ऐसा तो नहीं हत्या के बाद प्रिया के शव के टुकड़े कर उसे दो जगह गाड़ा गया हो या फिर पुलिस को गुमराह करने के लिए किसी दूसरे का कंकाल बरामद करा दिया गया हो। 

जोगीनवादा की 21 वर्षीय प्रिया 16 जुलाई को रुद्रपुर में नौकरी करने जाने की बात कहकर घर से निकली थी। इसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल सका। पांच अक्तूबर को बारादरी पुलिस ने बदायूं के थाना बिनावर क्षेत्र के गांव पुठी सराय के रहने वाले राजवीर, उसके रिश्ते के मामा सतेंद्र और सतेंद्र के नौकर गोवर्धन को गिरफ्तार कर प्रिया की हत्या का खुलासा किया। पूछताछ के दौरान तीनों ने पुलिस को बताया कि प्रिया की हत्या कर उसका शव पुठी सराय गांव के बाहर अरिल नदी किनारे दबा दिया है। 

सुभाषनगर में बदायूं रोड स्थित एक मिठाई की दुकान पर काम करने वाले राजवीर ने प्रिया को प्रेमजाल में फंसा लिया था। शादी का झांसा देकर वह उसे अपने साथ पूठी सराय गांव ले गया। वहां अपने रिश्ते के मामा सत्येंद्र के पुत्र अजीत से उसकी शादी कराने का दबाव बनाया। बात न मानने पर राजवीर, सत्येंद्र और गोवर्धन ने प्रिया की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को पहले सत्येंद्र के खेत में दबाया गया। चूंकि जुलाई माह में भीषण गर्मी थी तो तीन दिन में ही दुर्गंध आने के कारण शव को खेत से निकालकर गांव के बाहर अरिल नदी किनारे दबा दिया गया। 

हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उनकी बताई जगह पर ही अरिल नदी से कंकाल निकाला गया। जहां शव दफनाया गया था वहां अब नदी की धार बह रही है। करीब दो-तीन फुट पानी चल रहा है। शव निकालने के लिए पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी। बंधा बनाकर पहले पानी की धार को रोका गया। 

इसके बाद खुदाई की गई। करीब दो फुट खुदाई के बाद कंकाल बरामद हुआ, लेकिन महज कमर के नीचे का हिस्सा ही मिला। कमर से ऊपर का हिस्सा गायब है। सवाल यह है कि अगर कंकाल प्रिया का ही है तो कमर से ऊपर का हिस्सा कहां गया। पुलिस के पास इसका कोई जवाब नहीं है। 

इंस्पेक्टर बारादरी नीरज मलिक का कहना है कि हो सकता है जानवर खा गए हों या नदी में बह गया हो। एक बार को पुलिस की बात मान भी लें तो अगर जानवरों ने मिट्टी हटाकर शव को नोंच खाया होगा तब हड्डियां तो बचतीं। अगर जानवर हड्डी नोंच कर दूसरी जगह ले गए तब भी शरीर के ऊपरी हिस्से का कुछ तो अंश मिलता। कंकाल का ऊपरी हिस्सा पानी में बह गया होगा, यह बात भी गले नहीं उतर रही। 

अगर कंकाल इतना ही ऊपर था तब पुलिस को पानी रोककर बंधा बनाकर खोदाई नहीं करनी पड़ती। पोस्टमार्टम के लिए जब कंकाल पहुंचा तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। ऐसा पहली बार हुआ कि कंकाल जमीन के नीचे से खोदकर निकाला गया और उसमें महज कमर से नीचे का हिस्सा मिला। डाक्टरों की मानें तो शव अगर जंगल में किसी खुले स्थान पर पड़ा हो तब तो माना जा सकता है कि कुछ हिस्सा जानवर खा गए होंगे, लेकिन जमीन के ढाई फुट नीचे से शरीर का आधा हिस्सा कहां चला गया, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

डीएनए जांच से सामने आएगी सच्चाई
प्रिया हत्याकांड का पूरा सच अब डीएनए जांच के बाद ही पता चल सकेगा। चूंकि कंकाल के नाम पर महज टांगों की हड्डियां हैं। इंस्पेक्टर बारादरी नीरज मलिक का कहना है कि हो सकता है कि जानवर शव का ऊपरी हिस्सा खा गए हों या फिर बह गया हो। डीएनए टेस्ट के लिए रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है। बहरहाल अब रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी सच्चाई से पर्दा उठेगा।
 
यह बेहद आश्चर्यजनक है। जमीन के दो फुट नीचे से अगर कंकाल निकाला गया है और कंकाल दो-तीन महीने पुराना है तब ऊपरी हिस्सा भी मिलना चाहिए। शरीर में स्किल बोन, पैल्विस बोन और फीमर बोन सबसे मजबूत होती है। ये कई सालों तक नहीं गलती हैं।