अविरल गंगा को निहारने की ख्वाहिश लेकर काशी आने वाले सैलानियों के लिए अस्सी से रविदास घाट के बीच गंगा व्यूइंग गैलरी बनाई जाएगी। इससे अस्सी से रविदास घाट के बीच मजबूत कनेक्टविटी के साथ ही घाटों पर बढ़ रहा पर्यटकों का दबाव भी कम होगा। चार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पाथवे पर सैलानियों के लिए लाइट, बैठने आदि की व्यवस्था होगी।
इसके अलावा 75 करोड़ रुपये की लागत से पाथवे को जोड़ती हुई 2.5 हेक्टेयर जमीन पर पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित होंगी। अस्सी घाट पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या के चलते अब रविदास घाट को उसके समानांतर तैयार किया जा रहा है। मगर, रविदास घाट तक पहुंचने के लिए अस्सी से लंबा रास्ता होने के कारण सैलानी वहां तक नहीं पहुंच रहे हैं।
ऐसे में वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने गंगा के किनारे ही बाढ़ के उच्चतम बिंदु के ऊपर से एक पाथवे निर्माण की योजना बनाई है। 300 मीटर लंबे इस पाथवे के बनने से अस्सी और रविदास घाट के बीच की दूरी महज इस पाथवे से पूरी हो जाएगी। इसके अलावा पाथवे से ही गंगा की जलधारा और राजघाट तक घुमते घाट को सैलानी निहार सकेंगे।
सैलानियों को मिलेंगी कई सुविधाएं
पाथवे पर प्रकाश व्यवस्था, बैठने के लिए बलुआ पत्थर की बेंच, बैठने के स्थान पर टेनसाइल फेब्रिक रूफिंग कराई जाएगी। वीडीए उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने कहा कि अस्सी और रविदास घाट के बीच 300 मीटर का पाथवे सहित पर्यटन विकास की योजना है। 79 करोड़ की इस परियोजना से दोनों घाटों की दूरी कम होगी और सैलानी आसानी से रविदास घाट पहुंच जाएंगे।
रविदास घाट बनेगा पर्यटन का केंद्र
रविदास घाट और पार्क को जोड़ते हुए विकास प्राधिकरण इसे पर्यटन के नए केंद्र के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। क्रूज का संचालन यहां से होने के बाद इस घाट पर फुटफाल बढ़ा है, मगर अस्सी और दशाश्वमेध घाट पर पहुंचने वाले सैलानियों को बेहतर विकल्प के लिए इसे तैयार किया जा रहा है।
लोक निर्माण की हरी झंडी, पर्यटन की मुहर का इंतजार
वीडीए की इस परियोजना को लोक निर्माण विभाग ने हरी झंडी दे दी है। विभाग ने सर्वे कर परियोजना को आगे बढ़ाने की संस्तुति की है। वीडीए ने इसका डीपीआर अब पर्यटन विभाग को भेजा है और वहां से संस्तुति के बाद इसका काम शुरू किया जाएगा।