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पंजाब की आर्थिक हालत खस्ता: मगर चन्नी सरकार ने खरीदी 26 नई इनोवा, मंत्रियों के काफिले में होंगी शामिल

पंजाब भले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा हो लेकिन मंत्रियों की विलासिता में कोई कमी न रह जाए इसकी पूरी व्यवस्था राज्य सरकार करने में जुटी है। वैसे तो इस सरकार के पांच महीने ही बचे हैं लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंत्रियों के लिए 4.25 करोड़ रुपये खर्च कर 26 नई इनोवा गाड़ियों की खरीद कर ली है। मोहाली आरटीओ कार्यालय में इन नई गाड़ियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 

पंजाब के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार आम आदमी की सरकार होगी, जो काम किया जाएगा वह आम लोगों के लिए होगा। सूबे के वित्तीय हालात को देखते हुए उन्होंने कहा था कि जितना हो सकेगा उतना कम बोझ खजाने पर डाला जाएगा लेकिन इन दावों के विपरीत मंत्रियों के राज्य भ्रमण के लिए करोड़ों रुपये की लग्जरी कारों की खरीद का अतिरिक्त बोझ खजाने पर डाला गया। 

नई सरकार की ओर से वित्त विभाग को 27 नई इनोवा गाड़ियों को खरीदने का प्रस्ताव भेजा गया था। वित्त विभाग ने सरकार के इस प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अभी राज्य वित्तीय संकट से जूझ रहा है, इसलिए नई गाड़ियां नहीं खरीदी जा सकतीं लेकिन सरकार और नए मुख्यमंत्री के दवाब के बाद वित्त विभाग ने इसकी स्वीकृति देते हुए 4.25 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया। 

इस राशि में 26 ही लग्जरी गाडियां आ सकीं हैं। मोहाली में गाड़ियों के पंजीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इन नए वाहनों को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, दो उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के काफिलों में शामिल किया जाएगा।

वित्तीय हालात नहीं हैं ठीक, 10 साल में 2.73 लाख करोड़ हुआ कर्ज
पिछले 10 सालों में पंजाब 2.73 लाख करोड़ का कर्जदार हो गया है। पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 20823 करोड़ रुपये कर्ज लेना पड़ा। इस वित्तीय वर्ष में भी हालात अच्छे नहीं हैं। इस कारण 2021-22 में भी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 20 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लिया गया है।
पंजाब: कर्ज का पांच सालों का आंकड़ा
वित्तीय वर्ष                कर्ज            किस्त (करोड़ में)

2015-16             128835           9782
2016-17             182526           11642
2017-18             195152           15334
2018-19             211917           16306
2019-20             228906           17625
2020-21             252880           18589
2021-22             273703           20316