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श्रीनगर में आतंकी हमले में मारे गए अरविंद कुमार साव का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह 6 बजे बांका पहुंच गया। बूढ़े मां-बाप की आखिरी इच्छा थी कि बेटे का अंतिम संस्कार गांव में किया जाए। बांका DM ने शव को पटना एयरपोर्ट से अरविंद के गांव बाराहाट के परघड़ी लखपुरा लाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई थी। सुबह करीब 10 बजे अरविंद के अंतिम संस्कार के लिए लोग मंदार के पपर्णी घाट गए। भाई मुकेश साव ने मुखाग्नि दी।
पपर्णी घाट पर बांका के सांसद गिरधारी मंडल, विधायक राम नारायण मंडल, DM, कांग्रेस नेता जितेंद सिंह, BDO सहित अन्य लोग मौजूद थे।
अरविंद का शव पहुंचते ही उसके घर के सामने लोगों की भीड़ लग गई। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां बार-बार एक ही बात कह रही है, “केना रहबै हो बेटा’। ग्रामीण घरवालों को समझा-बुझा रहे हैं। परिजनों का कहना है- “आतंकियों ने बहुत बड़ा सहारा छीन लिया है। गांव वाले भी इस घटना से काफी दुखी हैं, क्योंकि अरविंद ने गांव के कई लोगों को श्रीनगर ले जाकर काम पर लगाया था। पूरा गांव इस घटना के बाद से सन्नाटे में है।’

10 साल से थे कश्मीर में
श्रीनगर में शनिवार को आतंकी हमले में बांका जिले के बाराहाट निवासी अरविंद कुमार साव की मौत हुई थी। वह 10 साल से कश्मीर में गोलगप्पा की दुकान लगाते थे। कश्मीर के हालात खराब थे, तब भी वह वहीं रहा। जब हालात सामान्य हुए तो उसकी जान चली गई।
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