पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश का असर अब मैदानी क्षेत्र में नजर आने लगा है। बनारस में गंगा अब घाटों की सीढ़ियां चढ़ने लगी हैं। बृहस्पतिवार दोपहर दो बजे तक जलस्तर में 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वृद्धि जारी है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर 64.46 मीटर है। चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है। गंगा अभी चेतावनी बिंदु से छह मीटर नीचे बह रही है।
उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में बारिश हो रही है। जगह-जगह भूस्खलन से भी नदियों में पानी अचानक पहुंचने से बढ़ाव है। तटवर्ती इलाकों में रहने वाले और नाविकों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रहीं हैं। नाविक इस बात से चिंतित हैं कि यदि गंगा का जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो आने वाले त्योहारों में नौका संचालन पर भीड़ को देख जिला प्रशासन इस पर रोक लगा सकता है। वहीं, प्रयागराज में पानी बढ़ने से यहां भी जलस्तर बढ़ रहा है।
जल पुलिस, एनडीआरएफ ने शुरू की पेट्रोलिंग
अचानक पानी बढ़ने से गंगा में एक बार फिर जल पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ ने पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। 84 दिनों बाद शुक्रवार को गंगा की संध्या आरती एक बार फिर अपने पूरे स्वरूप और नियत स्थान पर आई थी।
मंगलवार को एक बार फिर आरती का स्थान बदलना पड़ा। बृहस्पतिवार सुबह गंगा सेवा निधि के कार्यालय तक एक बार फिर पानी पहुंच चुका है। आयोजकों ने एक बार फिर कार्यालय को खाली करना शुरू कर दिया है।