दीपावली के पांच दिन बाद भी पंजाब में प्रदूषण नहीं सुधर पाया है। पांच जिलों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ओरेंज श्रेणी में दर्ज किया गया है। वहीं पटियाला में हालात बेहद खराब हैं। यहां का एक्यूआई 334 तक पहुंच गया है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अभी एक सप्ताह तक प्रदूषण में कोई सुधार नहीं होने वाला है।
पंजाब में अमृतसर में एक्यूआई 240, बठिंडा में 230, जालंधर में 217, लुधियाना में 282 दर्ज किया गया है। इन जिलों में प्रदूषण का स्तर ओरेंज श्रेणी में है। इस स्तर में लोगों को सांस लेने में थोड़ी परेशानी हो सकती है। वहीं पटियाला में एक्यूआई 334 दर्ज किया गया है, जो रेड श्रेणी में आता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह स्तर बेहद खराब माना जाता है। पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि दीपावली और खेतों में जल रही पराली के कारण यह हालात हुए हैं। अभी धान की 20 प्रतिशत फसल काटी जानी बाकी है, इसलिए एक सप्ताह तक जिलों में प्रदूषण का स्तर और खराब होने की संभावना है।
दिवाली पर सबसे खराब थी जालंधर की हवा
पंजाब में दिवाली के मौके पर इस बार जालंधर की आबोहवा सबसे अधिक प्रदूषित रही थी, जबकि मंडी गोबिंदगढ़ में हवा कम प्रदूषित रही। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) की तरफ से करवाए गए सर्वे के अनुसार, प्रदेश के छह प्रमुख शहरों जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, खन्ना, मंडी गोबिंदगढ़ व पटियाला में इस साल पिछले साल के मुकाबले प्रदूषण की मात्रा कम रही है। भले ही रात केवल आठ बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति रही है लेकिन लोगों ने इसे तोड़ा और खूब पटाखों का इस्तेमाल किया।
इसका नतीजा यह रहा कि पंजाब में दिवाली के मौके पर जालंधर की आबोहवा में सबसे अधिक प्रदूषित रही। आंकड़ों के मुताबिक जालंधर में इस बार दिवाली पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 327 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा, पिछले साल यह मात्रा 328 थी। वहीं अमृतसर में हवा में प्रदूषण की मात्रा 303 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रही। वहीं पिछले साल पंजाब में अमृतसर में दिवाली के मौके पर सबसे अधिक हवा में प्रदूषण पाया गया था। यह मात्रा 386 थी। लुधियाना में इस साल यह मात्रा 289 रही, जबकि पिछले साल 376 रही थी। खन्ना का पिछले साल एयर क्वालिटी इंडेक्स 281 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था और इस साल 227 रहा है। मंडी गोबिंदगढ़ में सबसे कम 220 रहा है। वहीं पिछले साल यह 262 रहा था।