शहर मेे हुई 22 लाख की सनसनीखेज लूट का खुलासा करने का पुलिस ने दावा किया है। महानगर में धनीपुर मंडी के आढ़ती के मुनीम ने बृहस्पतिवार सुबह अपने बेटे संग मिलकर अपने फर्म स्वामी सहित चार फर्मों के 22 लाख रुपये लूट लिए। बाद में गांधीपार्क थाने के बगल में बदमाशों द्वारा लूट किए जाने की घटना बताकर सबको हिला दिया। वारदात को उस समय अंजाम देना बताया गया, जब मुनीम रुपये निकालकर बैंक से मंडी जा रहा था। खबर पर फर्म स्वामी के पसीने छूट गए और पुलिस में भी हड़कंप मच गया।
आनन-फानन एसएसपी सहित पूरा अमला मौके पर पहुंच गया। शुरुआती जांच में ही मुनीम की भूमिका संदिग्ध नजर आई। देर रात 12 बजे पुलिस ने मुनीम के घर से पूरी रकम बरामद कर पिता-पुत्र को लूट में गिरफ्तार कर लिया।
विष्णुपुरी के सौरभ गर्ग के अनुसार उनकी धनीपुर मंडी में नवीन कुमार-भूपेश कुमार के नाम से गल्ले की आढ़त है। उनकी फर्म पर पिछले करीब 7 साल से रहमतपुर गढ़मई के अजय कुमार बतौर मुनीम काम करते हैं। अजय का अपना कमालपुर रोड पर तेल का एक्सपेलर भी है। अक्सर रुपयों का लाने ले जाने का काम अजय ही करते हैं।
बृहस्पतिवार सुबह दुकान खुलने के बाद अजय को 22 लाख रुपये के चार चेक उन्होंने बैंक से भुगतान लेकर आने के लिए दिए। करीब 10:30 बजे अजय बैंक रवाना हुए और थाना गांधीपार्क के सामने स्थित एचडीएफसी बैंक से उन्होंने रुपये निकाले और बैग में रुपये रख अपनी होंडा साइन बाइक से वापस मंडी आने लगे। इसके बाद 11:23 बजे अजय ने फोन पर सौरभ को सूचना दी कि थाने से चार कदम आगे दो बाइकों पर सवार चार बदमाश उनसे रुपयों का बैग तमंचा दिखाकर लूट ले गए हैं। वह मंडी और थाना गांधीपार्क के बगल में प्रभात नगर से आगे खड़ा है।
इस सूचना पर खुद सौरभ व अन्य आढ़ती मौके पर दौड़ पड़े। एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुणावत, सीओ द्वितीय मोहसिन खान, गांधीपार्क व महुआ खेड़ा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। खुद एसएसपी दोपहर तक वहीं डटे रहे। सौरभ की तहरीर पर मुनीम अजय की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए महुआ खेड़ा में लूट का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसके बाद मुनीम को देर रात तक हिरासत में लेकर चली जांच व पूछताछ में पूरा भेद खुल गया। खुद मुनीम ने अजय व उसके बेटे अंकुर ने मिलकर ये प्रपंच रचा। देर रात उसके घरे रकम भी बरामद कर ली गई। पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया गया।
आढ़ती के मुनीम ने अपने मालिक को 22 लाख की लूट होना बताया था। आढ़ती की तहरीर पर मुनीम को संदिग्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया। घटनास्थल की जांच व मुनीम से हुई पूछताछ में उसकी भूमिका संदिग्ध थी। उसी आधार पर आगे बढ़ते हुए जांच की गई। पांच टीमों को घटना के खुलासे में लगाया और रात में मुनीम के घर से रकम बरामदगी में सफलता मिल गई। बेटा भी इस प्रपंच में शामिल रहा। उसे भी गिरफ्तार किया गया है।
-कलानिधि नैथानी, एसएसपी
दीपावली पर मिली डांट के बदले दिया मुनीम ने ‘लूट’ का ‘उपहार’
महानगर के थाना गांधीपार्क के बगल में लूट की इतनी बड़ी वारदात पहला वाकया नहीं। मगर लंबे अर्से बाद इतनी बड़ी कथित लूट की खबर ने पुलिस को चुनौती दे डाली। पुलिस ने भी एक-एक कदम फूंक फूंक कर रखा और महज 12 घंटे के प्रयास में लूट की फर्जी कहानी से पर्दा उठा दिया। खुद मुनीम ने स्वीकारा कि उसे आढ़ती की ओर से दीपावली पर उसे इनाम में महज एक कंबल मिला था। उसने जब इस बात पर ऐतराज जताया तो उसे डपट दिया गया।
इससे वह चिढ़ गया था और ईमानदारी के बदले मिली बेइज्जती का बदला लेने के लिए वारदात को अंजाम दिया। उसने बैंक से ही अपने बेटे को फोन कर बुलाया। मंडी गेट पर पहुंचकर रुपयों का बैग बेटे को देकर घर भेजा और फिर घटनास्थल पर खड़े होकर मालिक को लूट की सूचना दे दी। पुलिस ने मुनीम के घर भूसे के अंदर डिब्बे में छिपा रखा रुपयों का बैग बरामद कर लिया। जिसमें पूरी रकम सुरक्षित मिली है। इस खुलासे पर एसएसपी ने पुलिस टीम को 25 हजार के इनाम की घोषणा की है।
शाम तक सीसीटीवी नहीं दे पाए सुराग, रात में उगला राज
जीटी रोड पर दिनदहाड़े 22 लाख की लूट में मुनीम शुरुआत से संदिग्ध था। मगर रुपया कहां गया? कौन ले गया? कैसे ले गया? इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए मौके पर पहुंचे एसएसपी ने मौका मुआयना करने के बाद करीब ढाई बजे तक थाना गांधीपार्क में बैठकर पूरा खाका खींचा। जांच में एसपी सिटी व सीओ द्वितीय के नेतृत्व में थाना गांधीपार्क, थाना महुआ खेड़ा, नगर सर्विलांस, जिला सर्विलांस व एसओजी की पांच टीमों को लगाया।
तय किया कि मुनीम के दुकान से निकलकर बैंक पहुंचने और फिर बैंक के अंदर से लेकर बाहर आकर घटनास्थल तक पहुंचने का एक एक वाकया सीसीटीवी व चश्मदीदों की मदद से जुटाया जाए। इसके बाद बदमाशों का जीटी रोड पर आगे भागना बताया गया है तो मंडी से आगे के सीसीटीवी भी देखे जाएं। इसके अलावा मुनीम के मोबाइल पर भी घटना से एक दो दिन पहले और घटना के बाद तक की गतिविधियों को सर्विलांस की मदद से देखा जाए। अगर मुनीम सही है तो फिर इस दौरान के संदिग्धों को सीसीटीवी में चेक किया जाए।
इन तमाम सवालों का जवाब तलाशने के लिए पुलिस टीमों ने दिन भर के प्रयास के बाद 50 के करीब सीसीटीवी देखे। मंडी गेट से लेकर बैंक तक के एक-एक दुकानदार व ठेल ढकेल वाले से बात की। न तो कोई बाइक सवार मुनीम के आगे या पीछे आते जाते बैग छीनते या बैग लेकर भागते कहीं कैद पाया गया है। हां, कुछ लोग पैदल जरूर आते जाते आगे पीछे दिखे हैं। न किसी प्रत्यक्षदर्शी ने यह बताया कि यहां इस तरह से बैग छीनने जैसी कोई वारदात हुई। इसके बाद दूसरे दौर में रात होते ही मंडी गेट से आगे के सीसीटीवी को देखा तो भेद खुल गया। खुद मंडी गेट के ठीक सामने प्रधान ढाबे पर खड़े होकर मुनीम ने अपने बेटे को रुपयों का बैग थमाया है। यह सीन सीसीटीवी में कैद पाया गया।
बेटे को बचाने के लिए सीसीटीवी मिलने तक साधी चुप्पी
एसएसपी बताते हैं कि यह सही है कि मुनीम पुलिस हिरासत में आने के बाद खुद का फंसना तय मान रहा था। वह लगातार पुलिस को उलझा रहा था। मगर वह बेटे को बचाने के लिए देर शाम तक चुप्पी साधे रहा। मगर जैसे ही हमारे पास उसके बेटे का सीसीटीवी आया और कंट्रोल रूम की मदद से उसकी पहचान बेटे के रूप में हुई। जब यह वीडियो आरोपी मुनीम को दिखाया तो वह टूट गया। उसने स्वीकारा कि बेटे को बचाने के लिए चुप्पी साधे रहा। बाद में पुलिस ने घर दबिश देकर बेटा दबोच लिया और माल भी बरामद कराया।
मालिक से पहले अपने घर फोन किया मुनीम ने
इस घटना में एक बात और सामने आई है कि मुनीम ने अपने मालिक को लूट की खबर देने से पहले अपने घर पर फोन कर खुद के साथ लूटा होना बताया है। ऐसा करने के पीछे उसकी मंशा क्या रही होगी। यह तो वही बता पाएगा। मगर इतना जरूर है कि वह पुलिस को सवालों का जवाब देने में संतुष्ट नहीं कर पा रहा है।
इन 4 फर्मों का रुपया लेकर आ रहा था मुनीम
कथित लूट की कहानी बनाने वाले मुनीम अजय के स्वामी सौरभ के अनुसार उसे अपनी फर्म के साथ-साथ कुल चार फर्मों के चेक दिए थे। इनमें उसकी खुद की फर्म का 2 लाख रुपये का चेक, पड़ोसी भारत ट्रेडिंग कंपनी का भी 2 लाख रुपये का व मदन कुमार उपाध्याय व सतगुरु ट्रेडिंग कंपनी के नौ-नौ लाख रुपये के चेक शामिल थे। चूंकि हम लोगों के खाते एक ही बैंक में हैं और अजय ही सामान्य तक रुपये लाने ले जाने का काम बैंक से करता है। इसलिए उसे चारों चेक देकर रुपये लेने भेजा था। यह तो बहुत कम रकम थी। मुनीम कई बार 50-50 लाख रुपये तक का लेन देन करके लाया था।