कोरोना से जान गंवाने वाले जिले के 1905 लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कलक्ट्रेट परिसर स्थित अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) कार्यालय के सामने मुख्य राजस्व लेखाकार कक्ष में काउंटर बनाया गया है।
इसकी जिम्मेदारी दैवीय आपदा लिपिक मनोज द्विवेदी को सौंपी गई है। सोमवार से आवेदनपत्रों का वितरण शुरू हो गया। पहले दिन एक आवेदन पत्र जमा भी हुआ। एडीएम (वित्त) ने बताया कि हर कोरोना मृत्यु पर 50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
इसके लिए काउंटर खोलकर आवेदन भरवाए जा रहे हैं, ताकि आश्रितों को कहीं भटकना न पड़े। इसके बाद प्रशासन, सीएमओ और मेडिकल कॉलेज की संयुक्त कमेटी आवेदनों का परीक्षण करेगी।
ये दस्तावेज देने होंगे
आरटीपीसीआर, एंटीजन या सीटी स्कैन रिपोर्ट की फोटोकॉपी, मृत्यु प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी, मृतक आश्रित की बैंक पासबुक की फोटोकॉपी।
मृत्यु दूसरे जिले में, तो कहां करें आवेदन
किसी व्यक्ति की मृत्यु दूसरे जिले में हुई है तो वह कहां आवेदन करे, यह संशय अभी बना हुआ है। एडीएम का कहना है कि इस संबंध अभी कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। फिलहाल, शासनादेश के अनुरूप आवेदन कराए जा रहे हैं। कोई ऐसा मामला आया तो शासन को अवगत कराकर उसका निस्तारण कराया जाएगा।
दूसरी लहर में ज्यादा मौतें
कोरोना की पहली लहर में 33 हजार 14 लोग संक्रमित हुए थे। इनमें से 838 की मृत्यु हुई थी। दूसरी लहर में 49 हजार 912 लोग संक्रमित हुए। इनमें 1067 की मृत्यु हुई थी। यह आंकड़ा हैलट और कोविड अस्पतालों में भर्ती होने के बाद जान गंवाने वालों का है, जो लोग निजी पैथोलॉजी की जांच में पॉजिटिव आए और अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई, उनकी कहीं गिनती ही नहीं हो पाई।