एलएचबी कोच आने के बाद से खाली हो रहीं पारंपरिक बोगियों को लीज पर लेकर अब कोई भी फर्म या कंपनी अपनी ट्रेन चला सकेगी। इसके लिए अर्हता पूर्ण करने वाली फर्म को रेलवे से कम से कम पांच साल के लिए बोगी लीज पर लेनी होगी। इस ट्रेन का रूट, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ आदि निर्धारित करने का पूरा अधिकार बोगी लीज लेने वाली फर्म को होगा। एनईआर ने पारंपरिक खाली पड़ी बोगियों को लीज पर देने के लिए टेंडर भी निकाल दिया है।
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन के वाणिज्य विभाग द्वारा जारी टेंडर के मुताबिक तीनों डिवीजन में एलएचबी बोगियों के आने के बाद करीब 120 की संख्या में पारंपरिक यानी कि कनवेंशनल बोगियां खाली पड़ीं हैं। इन बोगियों को निजी फर्म, कंपनियां लीज पर ले सकती हैं। रेलवे ने इसे भारत गौरव ट्रेन नाम दिया है।
रेलवे प्रशासन की इस पहल से यात्रियों को काफी फायदा होगा और उन्हें पर्यटन के लिहाज से बेहतर विकल्प मिल सकेंगे। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ही रेलवे ने यह योजना बनाई है। बोगियों को लीज लेने वाली पार्टियों के लिए रेलवे ने सहूलियत भी दी है। जो पार्टियां रेलवे कोचों की एकमुश्त खरीद कर सकती हैं, उन्हें कोई लीज शुल्क नहीं देना होगा। इसके अलावा पात्रता मानदंड के आधार पर इच्छुक पार्टियों के लिए आसान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होगी।