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लखनऊ : सरकारी ठेके दिलाने के नाम पर 2.72 करोड़ की ठगी, नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग में कूड़ा प्रबंधन का काम दिलाने का दिया था झांसा

नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग में ठेके दिलाने के नाम पर पूर्वांचल के कई लोगों से करोड़ों रुपये ठगने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है। कुशीनगर के रहने वाले शातिर जालसाज काशीनाथ तिवारी पर ठगी का आरोप लगाते हुए शनिवार को छह पीड़ितों ने इंदिरानगर थाने में 2.72 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत की। पुलिस ने काशीनाथ तिवारी समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की है।

इंदिरानगर पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को रत्नेश कुमार, राममुरारी आर्या, सर्वेश, बबलू कुमार, अभिषेक और प्रमोद सिंह ने ठगी के मामले में तहरीर देकर बताया कि मूल रूप से कुशीनगर निवासी काशीनाथ तिवारी लखनऊ के इंदिरानगर स्थित पानी गांव में रहता है। पिछले साल गोरखपुर में पीड़ितों की उससे मुलाकात हुई थी। काशीनाथ ने बताया था कि भारतीय कूड़ा प्रबंधन संस्थान से उसे उत्तर प्रदेश के कई विभागों में कूड़ा उठाने का ठेका मिला है। वह ये काम दूसरी फर्मों से करा रहा है।

उसने सभी पीड़ितों को इंदिरानगर के मुंशी पुलिया स्थित प्राइम प्लाजा स्थित अपने दफ्तर बुलाया जहां काम और उसके लिए रकम तय की गई। पीड़ितों के मुताबिक, काशीनाथ ने गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी और मेरठ मेडिकल कॉलेज में काम देने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा कई जिलों की नगर पालिकाओं का भी काम आवंटित होने की जानकारी दी। सभी छह पीड़ितों से उसने 2.72 करोड़ रुपये लेकर हड़प लिए। 

इंदिरानगर इंस्पेक्टर डॉ. रामफल प्रजापति ने बताया कि मामले में काशीनाथ तिवारी, कालिंदी तिवारी, उनके पुत्र आशुतोष तिवारी व शुभ नारायण तिवारी, कालिंदी की बहन मीना तिवारी व सुनील पांडेय के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी मूल रूप से ग्राम मथौली, थाना कप्तानगंज, जिला कुशीनगर के रहने वाले हैं। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी वर्क ऑर्डर थामकर करता रहा पेमेंट
इंस्पेक्टर डॉ. रामफल के मुताबिक, रकम लेने के बाद आरोपी काशीनाथ तिवारी ने उन्हें महराजगंज और कुछ अन्य नगर पालिका परिषद में काम के वर्क ऑर्डर का फर्जी लेटर दे दिया था। काशीनाथ तिवारी के कहने पर वहां काम भी शुरू कर दिया गया। भरोसा बनाए रखने के लिए आरोपी ने खाते में रकम भेजकर करीब 30 लाख रुपये का भुगतान भी किया। मगर बाद में पता चला कि वहां किसी और फर्म को पहले ही काम मिल चुका है। 

तुम्हारी रकम से थोड़ा खर्च करके मरवा दूंगा…
पीड़ितों ने दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि ठगी की जानकारी होने पर जब वे अपनी रकम का तगादा करने काशीनाथ के पहुंचे तो उसने 25 लाख, 25 लाख और 17 लाख के तीन चेक दिए मगर तीनों चेक बाउंस हो गए। 45 लाख रुपये का भी एक चेक दिया मगर उस पर गलत हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद पीड़ित दोबारा काशीनाथ के घर गए तो वह धमकाने लगा। पता चला कि ठगी में काशीनाथ की पत्नी कालिंदी तिवारी, दोनों बेटे आशुतोष व शुभ नारायण तिवारी, साली मीना तिवारी भी शामिल थी। पीड़ितों का आरोप है कि तगादा करने पर काशीनाथ ने धमकाया कि दोबारा लखनऊ आए तो तुम्हारी ही रकम से थोड़े पैसे खर्च करके जान से ही मरवा दूंगा। यही नहीं, उसने अपने परिवार की एक महिला से दुष्कर्म का मुकदमा भी दर्ज कराने की धमकी दी थी।