एंबुलेंस में ऑक्सीजन न मिलने से घायल महिला की जान गई
गाजियाबाद। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर अवधेश कुमार तिवारी (73) की पत्नी चंद्रकला तिवारी (71) को संयुक्त अस्पताल से निजी अस्पताल ले जाने के लिए कॉल करने के एक घंटे बाद भी एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस नहीं आई। मजबूरी में परिवारीजन उन्हें सामान्य एंबुलेंस (108) से लेकर चले तो उसमें ऑक्सीजन का सिलिंडर खाली निकला। ऑक्सीजन न मिलने से चंद्रकला की सांस टूट गई। उनके बेटे अखिलेश ने इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनका कहना है कि ऑक्सीजन मिलती तो मां की जान बच जाती। स्कूटी पर जाते समय मां और पिता डंपर की टक्कर से घायल हो गए थे। पिता ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।
हादसा रविवार को नंदग्राम में फॉर्च्यून कट के पास हुआ। राजनगर एक्सटेंशन की चार्म्स कैसल सोसायटी निवासी अवधेश कुमार पत्नी के साथ सामान खरीदने के लिए निकले थे। सोसायटी से थोड़ी ही दूर पर हादसे के शिकार हो गए। अखिलेश ने दर्ज कराई रिपोर्ट में मां की मौत के लिए डंपर चालक के साथ एंबुलेंस में ऑक्सीजन न होने को भी जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल से मां को हायर सेंटर रेफर किया गया था। वह कोशांबी स्थिति यशोदा अस्पताल ले जा रहे थे। जब एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस नहीं आई तो वह उसी सामान्य एंबुलेंस से मां को लेकर चल दिए जिससे उन्हें घटनास्थल से संयुक्त अस्पताल लाए थे। यह तब किया जब सिपाही ने कहा कि एडवांस एंबुलेंस का कब तक इंतजार करोगे, 108 एंबुलेंस से ही ले जाओ, उपचार तो मिल जाएगा।
मां तड़प रही थी, हम बेबस थे
अखिलेश ने बताया कि मां को एंबुलेंस से लेकर जैसे ही संयुक्त अस्पताल से चले, उनकी सांसें उखड़ने लगीं। सिलिंडर चेक किया तो यह खाली था। चालक से पूछा तो बोला, ऑक्सीजन खत्म हो गई है। इसके बाद मां की हालत बिगड़ती गई। वह उनके सामने तड़प रही थीं, लेकिन वह बेबस थे। आसपास न एंबुलेंस थी और न ही ऑक्सीजन। उनके सामने ही मां ने दम तोड़ दिया। एक घंटे में माता-पिता का साया सिर से उठ गया। दोपहर को डेढ़ बजे पिता की मौत हुई। ढाई बजे मां ने दम तोड़ दिया।
डंपर चालक को यातायात पुलिस ने पकड़ा
जिस स्थान पर सड़क हादसा हुआ, उससे कुछ ही दूर ट्रैफिककर्मी तैनात थे। स्कूटी को टक्कर मारकर भाग रहे डंपर चालक को ट्रैफिककर्मियों ने पकड़ लिया। सीओ द्वितीय अवनीश कुमार का कहना है कि आरोपी चालक की पहचान बुलंदशहर के शिकारपुर निवासी धर्मवीर के रूप में हुई है। उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर न होने के संबंध में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से भी पत्राचार किया जाएगा।
कौन सही-कौन गलत
एडवांस एंबुलेंस से ले गए थे
सामान्य एंबुलेंस सेवा (102, 108) के प्रभारी जयबिंदर का कहना है कि घायल दंपती को सामान्य एंबुलेंस से संयुक्त अस्पताल ले जाया गया था। इसके बाद घायल महिला को सामान्य एंबुलेंस नहीं, बल्कि एडवांस एंबुलेंस ले गई थी।
एडवांस के लिए कॉल ही नहीं आई
एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के प्रभारी रोमिल त्यागी का कहना है कि संयुक्त अस्पताल से किसी घायल महिला को ले जाने के लिए कोई कॉल ही नहीं आई। व्यवस्था यह है कि एडवांस एंबुलेंस की आवश्यक्ता हो तो 102, 108 एंबुलेंस सेवा पर फोन करके इसकेलिए अलग से कहना होता है।
मामला गंभीर, कार्रवाई होगी : सीएमओ
सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधार का कहना है कि यह बहुत गंभीर मामला है। एंबुलेंस के नोडल अधिकारी ज्ञानेंद्र मिश्र से जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने बताया कि विभागीय कार्य से लखनऊ गए हैं। मामले की गंभीरता से जांच कर कार्रवाई करने के लिए एसीएमओ डॉ. सुनील त्यागी को निर्देश दिया गया है।