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वाराणसी में गंगा किनारे बनेगा फोरलेन: 26 सौ करोड़ की होगी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, कैबिनेट से मंजूरी के बाद काम होगा शुरू

गुजरात के रिवर फ्रंट की तर्ज पर ही वाराणसी में गंगा पार रेती पर पर्यटन का नया केंद्र विकसित करने की तैयारी है। गंगा पार रेती को गुलजार करने के लिए अब इस क्षेत्र को सीधे ग्रैंड ट्रंक (जीटी) रोड से जोड़ने की तैयारी है। रामनगर से राजघाट तक गंगा के समानांतर करीब आठ किमी लंबी फोरलेन सड़क पर कैबिनेट की मुहर के बाद अब 26 सौ करोड़ रुपये की प्रस्तावित योजना पर काम शुरू होगा।

इस सड़क का गंगा पार रेती से सीधा जुड़ाव होने के कारण चंदौली, मिर्जापुर, बिहार और मध्यप्रदेश सहित अन्य शहरों के सैलानी व श्रद्धालु बिना शहर में प्रवेश किए सीधे गंगा घाटों पर पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही यहां करीब 10 हजार वाहनों की पार्किंग, पार्क, सौंदर्यीकरण सहित अन्य काम भी कराए जाएंगे।

काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरूप के निर्माण के साथ ही अब शहर में बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने गंगा पार रेती पर रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना बनाई है। महायोजना में सैलानियों को लघु काशी की अनुभूति कराई जाएगी। आठ किमी लंबी सड़क के किनारे बाहर से आने वाले सैलानियों को सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

बनारस आने वालों का मुख्य उद्देश्य श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन, बीएचयू में इलाज, बाजार व व्यापारिक गतिविधियां होती हैं। गंगा उस पार अगर बेहतर व्यवस्था और संसाधन उपलब्ध होंगे तो खुद ही लोग उस पार रुक जाएंगे। अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि जाम की समस्या कम नहीं होनी है।

अगर बाहर से आने वाले वाहन व लोगों को नहीं रोका जाएगा तो शहर में चलना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में गंगा पार को सिक्सलेन सड़क से जोड़कर उस पार रुकने वालों को वाहन खड़ा करने की बेहतर व्यवस्था, तत्काल गंगा पार करने के लिए बोट, शहर में जाने के लिए बेहतर संसाधन यहां से मिलेंगे। इस नई परियोजना के डीपीआर पर काम शुरू कर दिया गया है और इसे अप्रैल तक तैयार किया जाएगा।

50 से ज्यादा गांवों को मिलेगा लाभ
गंगा से सटे दर्जनों गांव हाई फ्लड लैंड (एचएफएल) में शामिल हैं। गंगा किनारे एचएफएल की ऊंचाई से सड़क निर्माण होने से इसके आसपास के करीब 50 गांव एचएफएल से बाहर हो जाएंगे। वर्तमान में एचएफएल की वजह से इन गांवों में वीडीए के नक्शा स्वीकृति पर रोक है और निर्माण कार्य भी प्रतिबंधित है। रामनगर से सेमरा तक एक सड़क बनने से कई इलाके एचएफएल से बाहर हो जाएंगे। उसी तर्ज पर रामनगर से पड़ाव की सड़क को तैयार किया जाएगा।

पीपीपी मॉडल पर इस क्षेत्र का होगा विकास
गंगा उस पार सड़क बनने के साथ ही पीपीपी माडल पर उक्त क्षेत्र का डेवलपमेंट होगा। बेहतर पार्किंग, होटल, ठहरने की अन्य व्यवस्था होगी। वहीं गंगा किनारे तक आने के संसाधन मुहैया होंगे। इसके साथ गंगा पार करने के बाद अस्सी घाट व अन्य घाटों से बीएचयू व शहर में आने के लिए सिटी बसें मिलेंगी।

एक नजर में
– 8 किमी लंबी होगी राजघाट से रामनगर फोरलेन
– 50 हजार से एक लाख लोगों के प्रतिदिन पहुंचने की उम्मीद
– 10 हजार वाहनों की पार्किंग के साथ पार्क व व्यवसायिक गतिविधियां
– 50 से ज्यादा गांव एचएफएल से हो जाएंगे बाहर

कैबिनेट से मंजूरी के बाद गंगा पार में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना पर काम शुरू कराया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कराया जाएगा। गंगा पार में सड़क से लगते पार्किंग, होटल, रेस्टोरेंट के साथ जल घाट की ओर से आने के लिए जल परिवहन की बेहतर व्यवस्था होगी। पूरी योजना करीब 26 सौ करोड़ रुपये की होगी।