अक्तूबर-नवंबर में हुई बेमौसम बारिश के कारण हरियाणा में करीब 5.50 लाख एकड़ की फसल खराब हुई है। प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों की ओर से भेजी गई विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा राशि करीब 600 करोड़ रुपये बनती है। फिलहाल वित्तायुक्त कार्यालय की ओर से स्लैब वाइज नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
अक्टूबर और नवंबर में कई दिन तक प्रदेश में बेमौसम बारिश हुई थी। इससे धान, कपास, दलहन और बाजरे समेत सब्जियों की फसलें खराब हो गई थीं। अधिक बारिश को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को विशेष गिरदावरी के आदेश दिए थे। पटवारियों द्वारा खेतों में जाकर फसल खराब की रिपोर्ट ली गई।
अब प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों ने अपने-अपने जिलों की रिपोर्ट तैयार करके वित्तायुक्त कार्यालय में भेज दी है। हिसार मंडल में 2.50 लाख एकड़ और शेष पांचों मंडलों में भी इतनी ही एकड़ में फसल खराब की रिपोर्ट आई है। अनुमान है करीब 600 करोड़ रुपये का मुआवजा बनता है।
भिवानी जिले में सबसे ज्यादा 97 हजार एकड़ में कपास, करीब 98 हजार एकड़ में मूंग, पांच हजार एकड़ में धान, 411 एकड़ में बाजरा और पांच एकड़ में गन्ने की फसल बर्बाद हुई। झज्जर में 24419 एकड़, रोहतक में 10 हजार, सोनीपत में करीब 12 हजार एकड़ फसल बारिश से प्रभावित हुई है। इसी प्रकार, करनाल जिले के दो गांवों में 50 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा है। सबसे कम फरीदाबाद व पलवल जिले में 560 एकड़ फसल खराब हुई है।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार ने दो माह पहले ही फसल मुआवजे की राशि 15 हजार प्रति एकड़ की है। इसके लिए तीन स्लैब बनाई हैं। इनमें 24 से 49 फीसदी, 50 से 74 तक और 75 से 100 प्रतिशत तक फसल खराब के अनुसार मुआवजा मिलेगा। विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट कार्यालय के पास पहुंच गई है। करीब साढ़े पांच लाख एकड़ फसल खराब की रिपोर्ट आई है। इसका आकलन किया जा रहा है और किसकी फसल कितने प्रतिशत खराब है, उसको लेकर कैटेगरी तैयार की जा रही है। इसके बाद जल्द ही किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।