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दिल्ली में कोरोना महामारी की गंभीरता को जानने के लिए जल्द ही अस्पतालों में औचक निरीक्षण होने वाला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की एक टीम अस्पतालों का दौरा करेगी और इस दौरान भर्ती रोगियों में संक्रमण की गंभीरता का आकलन किया जाएगा। इस दौरान कोरोना मरीजों पर एक सर्वे होगा जिसमें हरेक केस हिस्ट्री का ब्यौरा होगा।
जानकारी मिली है कि एनसीडीसी की एक टीम अस्पतालों का दौरा करने के लिए गठित हुई है। इसमें दिल्ली और केंद्र दोनों ही अस्पताल शामिल हैं। इस दौरान टीम अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों की आयु, वर्तमान स्थिति, संक्रमण स्त्रोत, अस्पताल में रुकने की अवधि, मौत का ब्यौरा, संक्रमण से पहले किसी बीमारी होना और टीकाकरण इत्यादि के बारे में पूरा सर्वे किया जाएगा। इसके बाद टीम एक पूरी रिपोर्ट केंद्र को देगी।
दरअसल देश में इस समय कोरोना की नई लहर का सबसे गंभीर असर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में देखने को मिल रहा है। इन तीनों ही राज्यों में संक्रमण की दर 25 फीसदी से भी अधिक है। ओमिक्रॉन की वजह से देश में महामारी की तीसरी लहर बताई जा रही है। साथ ही अब तक ओमिक्रॉन को हल्का वैरिएंट माना जा रहा है लेकिन अस्पतालों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में एनसीडीसी की टीम यह देखना चाहती है कि ओमिक्रॉन या फिर डेल्टा वैरिएंट की वजह से मरीजों पर किस तरह का वायरस असर दिखा रहा है?
जानकारी मिली है कि एम्स, सफदरजंग, आरएमएल और दिल्ली सरकार के सबसे बड़े कोविड केंद्र लोकनायक अस्पताल में टीम यह दौरा कर सकती है। इसे लेकर दिल्ली सरकार को जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है जिसके बाद दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. आरएन दास ने अस्पतालों को निर्देश भी जारी किए हैं।
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