जोधपुर की एक अदालत को बुधवार को सूचित किया गया कि रूस की सरकार मॉस्को में दफनाए गए राजस्थान के व्यक्ति हितेंद्र गरासिया के शव को कब्र से निकाल कर सौंपने को राजी हो गई है। हितेंद्र, वर्क वीजा पर मॉस्को गए थे और वहां एक पार्क में मृत पाए गए थे।
न्यायमूर्ति दिनेश मेहता ने निर्देश दिए कि रूसी सरकार से शव मिलने के बाद केंद्र और राजस्थान सरकार इस बारे में प्रबंध करेगी कि जल्द से जल्द शव परिजनों के पास उदयपुर के गोदवा गांव पहुंचा दिया जाए।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने भारतीय दूतावास को प्राप्त हुए रूसी सरकार के पत्राचार का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि रूस में शीतकालीन अवकाश के कारण शव अधिकृत प्रधिकारी को नहीं सौंपा जा सका है।
रोहतगी ने अदालत से कहा, “यह आश्वासन दिया जाता है कि जल्द से जल्द ऐसा किया जाएगा और मृतक के शव को दो से तीन दिनों की अवधि के भीतर नियुक्त एजेंट को सौंप दिया जाएगा।”
गरासिया पिछले साल जुलाई में मास्को में एक पार्क में मृत पाये गए थे। चूंकि, रूसी सरकार ने शव को वहीं दफनाने का फैसला किया था, ऐसे में मृतक के परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार के लिए शव को भारत लाने की व्यवस्था करने के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी।गरासिया की पत्नी आशा देवी ने परिवार को शव उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के लिए भारत सरकार को उचित आदेश जारी करने की प्रार्थना के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
रस्तोगी ने रूसी सरकार के पत्राचार का हवाला देते हुए कहा कि, मृतक के परिवार द्वारा शव का दावा करने के लिए नहीं आने के कारण, इसे पिछले साल 3 दिसंबर को मॉस्को में कब्रिस्तान में दफनाया गया था। उन्होंने कहा कि आवश्यक औपचारिकताएं और प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव को अधिकृत व्यक्ति को सौंपने का फैसला किया गया है।