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श्रद्धा की डुबकी पर कोरोना की बंदिश, छत्‍तीसगढ़ में मकर संक्राति पर मास्क पहनने पर ही मंदिरों में प्रवेश

रायपुर: छत्‍तीसगढ़ में मकर संक्राति पर पर्व आज मनाया जा रहा है। इधर प्रशासन ने मंदिर और पुण्य स्नान को लेकर कोरोना गाइड लाइन का पालन करने की अपील की है। मंदिर-देवालय में पूजा में शामिल होने पर मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं। मंदिर परिसर के बाहर सैनिटाइजर की व्यवस्था हो।

मकर संक्रांति पर्व पर हर साल खारुन नदी के महादेवघाट तट पर पुण्य की डुबकी लगाने श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते थे, लेकिन इस साल कोरोना प्रकोप पर सार्वजनिक आयोजन, धार्मिक आयोजन पर प्रशासन ने कोरोना नियमों की गाइड लाइन जारी की हुई है।इसके मद्देनजर भीड़ नहीं जुटी। इक्के दुक्के श्रद्धालु ही डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। हाटकेश्वर महादेब मंदिर के पुजारी सुरेश गिरी गोस्वामी ने बताया कि हर साल दूर दूर से श्रद्घालु आते थे, इस साल घाट के आसपास कॉलोनी में रहने वाले लोग जो नित्य प्रति घाट पर ही स्नान करने आते हैं, वही लोग पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं ने स्नान करके महादेव का दर्शन किया।

कल भी स्नान

संक्रांति शुक्रवार को दोपहर बाद शुरू हो रही है, इसलिए कुछ लोगों ने ही शुक्रवार को सुबह स्नान किया। शनिवार को सुबह भी पुण्य स्नान करेंगे। ज्यादातर लोग घर पर ही जल में तिल अर्पित करके स्नान की परंपरा निभाएंगे।इधर मकर संक्राति का पर्व में तिल, गुड़ की पापड़ी, लड्डू बनाकर पूजा-अर्चना करके दान करने की परंपरा निभाई जाती है। वहीं बड़ी संख्या में लोग गोल बाजार, शास्त्री बाजार समेत अन्य होटलों में तिल, गुड़ की खरीदारी करते लोग नजर आए। जहां दुकानों में तिल लड्डू, पापड़ी के साथ ही रेवड़ी रजक की भी खूब बिक्री हुई है।

पतंग बाजी का शो नहीं देखने को मिलेगा

राजधानी इस साल भी पतंग बाजी शो देखने को नहीं मिलेगा। हर साल रावणभाठा मैदान, माधव राव सप्रे शाला समेत कई बड़े कालोनियों में धूमधाम से मकर संक्राति का पर्व मनाया जाता है। जहां आयोजन को खास बनाने के लिए गुजरात से पतंग उड़ने वाले पहुंचते थे। जरूर इस साल बच्चे, युवा छत से पतंग बाजी करते हुए देख सकते है।

अयप्पा मंदिर में हजारों ज्योति होंगे प्रज्ज्वलित

टाटीबंध स्थित अयप्पा मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष विनोद पिल्ले ने बताया कि आज शाम चार बजे से परिसर में हजारों दीप प्रज्ज्वलित की जाएगी। इसके लिए आकर्षक सज-सज्जा की गई है। उन्होंने बताया कि सुबह चार बजे से पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। वहीं 41 दिनों से व्रत कर रहे श्रद्धालु अपने सिर पर पोटली रखकर मंदिर की 18 पविज्ञ सीढ़ियों से चढ़कर भगवान के श्री विग्रह का दर्शन करेंगे। इधर सीढ़ियों में सिर्फ व्रतधारी ही चढ़ेंगे। बाकी श्रद्धालु रोजाना की तरह मंदिर के पीछे स्थित द्वार से दर्शन लेंगे।

सूर्योदय से सूर्यास्त तक मनाया जाएगा संक्राति

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होगा। इसे ही मकर संक्राति कहा जाता है। शास्त्रों में संक्राति का पुण्यकाल छह घंटे पूर्व से लेकर छह घंटे बाद तक बताया गया है। इसलिए इसका पुण्यकाल शुक्रवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक दिनभर मनाया जाएगा। संक्राति पर्व में स्नान व दान का अधिक महत्व है। इसी कारण लोग दान करते है।

नवग्रह मनोकामना ज्योत पंजीयन जारी

चूड़ी लाइन गोल बाजार स्थित प्राचीन शनि देव मंदिर में मकर संक्राति के पर्व आज और कल नवग्रह मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित की जा रही है। वहीं ज्योत पंजीयन आज भी जारी रहेगी। मंदिर के पुजारी कन्हैया लाल शर्मा ने बताया कि जो भी भक्त नवग्रह मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित करना चाहते है वे मंदिर में आकर अपना नाम दर्ज करा कर ज्योति प्रज्ज्वलित करा सकते हैं।

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