रायपुर : रायपुर शहर में कचरा कलेक्शन करने के लिए नगर निगम को हर महीने दस लाख रूपये खर्च करना पड़ रहा है। सालि़ड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत शहर की साफ-सफाई का काम ठेके पर रामकी कंपनी को देने के बाद भी रायपुर नगर निगम के खर्चे में कमी नही आ पाई। वाहनों में ईंधन, मरम्मत का खर्च भी बढ़ रहा है। आयुक्त ने महापौर से चर्चा करने के बाद साफ-सफाई में होने वाले खर्च को कम करने कचरा कलेक्शन के लिए खरीदी जाने वाली 30 गाड़ियों को ई-रिक्शे में बदल दिया है। आने वाले दिनों में ट्राली वाले ये ई-रिक्शे शहर में कचरा कलेक्शन करेंगे। इससे ईधन के साथ मरम्मत का खर्च बचेगा।
ठेका देने के बाद खर्च में नहीं आई कमी
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत रामकी कंपनी को साफ-सफाई का ठेका देने के बाद भी सफाई के खर्चे में कोई कमी नहीं आ पा रही है। इससे सफाई वाहनों पर ईंधन के साथ ही मरम्मत का खर्च की सीमा हर महीने दस लाख रूपये से अधिक पहुंच रही है। इस हालात से निपटने निगम आयुक्त प्रभात मलिक ने महापौर एजाज ढेबर की अनुमति से कचरा कलेक्शन के लिए खरीदी जाने वाली 30 गाड़ियों को ई रिक्शे में बदल दिया है।ट्राली वाले ये रिक्शे सीएसआईडीसी के माध्यम से खरीदे जाएंगे। इसमें ईधन का खर्च में कमी आने के साथ मरम्मत से भी निगम तीन साल के लिए मुक्त हो जायेगा। ई रिक्शे की नई खरीदी होने का लाभ भी निगम को मिलेगा।
कीमत में चार लाख का अंतर
नगर निगम में मोटर वर्कशाप के अधिकारी बीएल चंद्राकर ने बताया कि टाटा एस और ई रिक्शा की कीमत में चार लाख रुपये का अंतर आ रहा है। सीएसआईडीसी के अनुसार ट्राली ई रिक्शा तीन लाख पांच हजार रुपये में खरीदी जा सकेगी,वही डीजल से चलने वाली वाहन की कीमत सात लाख रुपये है। ई रिक्शा खरीदने से निगम का चार लाख रुपये सीधे-सीधे बचेगा। ई-रिक्शा का मरम्मत भी तीन साल तक कंपनी ही फ्री में करेंगी।
30 रिक्शा खरीदने का प्रस्ताव
शहर से कचरे का परिवहन करने के लिए 30 ई रिक्शा खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे नगर निगम हर महीने साफ-सफाई में होने वाले लाखों के खर्च को बचा पाएगा।
-प्रभात मलिक, आयुक्त नगर निगम।