मेट्रो व सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले कोचिंग संचालक को पीजीआई पुलिस ने दबोच लिया है। पुलिस ने उसके पास से कई कूटरचित दस्तावेज बरामद किये हैं। वहीं, उसके अन्य साथियों व गिरोह के सदस्यों की तलाश में दबिश दी जा रही है। पकड़ा गया जालसाज मूलरूप से प्रयागराज के अल्लापुर तिलक नगर का रहने वाला है।
प्रभारी निरीक्षक पीजीआइ धर्मपाल सिंह के मुताबिक जालसाज अवनीश चंद्र श्रीवास्तव को वृंदावन सेक्टर आठ अंडरपास से डीसीपी पूर्वी की क्राइम के संयुक्त प्रयास से पकड़ा गया। अवनीश के पास से एक मोबाइल और फर्जी नियुक्तिपत्र मिले हैं। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक पीजीआई थाने में मध्य प्रदेश के सिंगरौली नवानगर में रहने वाले राकेश कुमार ने अवनीश चंद्र और उसके साथी संजय मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
हर बेरोजगार से मांगे 3.5 लाख रुपये
पीड़ित राकेश ने आरोप लगाया था कि प्रयागराज में कोचिंग पढ़ने के दौरान अवनीश से उनकी मुलाकात हुई। अवनीश ने उससे कहा कि मेट्रो कार्पोरेशन में भर्ती निकली है। उसकी मेट्रो के बड़े अधिकारियों से अच्छी जान पहचान है। वह आसानी से नौकरी दिलवा देगा। राकेश के मुताबिक अवनीश के बातों में आने के बाद उसने और साथी कीर्ति के अलावा करीब अन्य 20-25 लोगों ने परीक्षा भी दी थी।
अवनीश ने प्रति व्यक्ति साढ़े तीन लाख रुपये की मांग की। बेरोजगारों ने रुपये अवनीश को दे भी दिया। अवनीश ने हाल में ही कहा कि तुम सबकी नौकरी लग गई है। जब ज्वाइन करने पहुंचे तो पता चला कि वहां परीक्षा परिणाम में उनका नाम ही नहीं है। विरोध किया तो अवनीश और उसके साथियों ने गाली-गलौज की।
राकेश ने पुलिस को बताया कि अवनीश ने उन्हें और अन्य लोगों को नियुक्ति पत्र देकर नौकरी ज्वाइन करने के लिए कहा था। जब वह और कुछ अन्य लोग मेट्रो कार्पोरेशन के दफ्तर पहुंचे तो पता चला कि ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है। पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।