अतीक अहमद भले ही सैकड़ों किमी दूर स्थित अहमदाबाद की जेल में हो, लेकिन उसका साम्राज्य अब भी चल रहा है। उसके गुर्गे बेखौफ होकर जमीन कब्जाने से लेकर सरकारी जमीनों को बेचने और गुंडा टैक्स मांगने का काम कर रहे हैं। कुछ मामलों में रिपोर्ट भी दर्ज हुई लेकिन कार्रवाई न होने से उन पर लगाम नहीं लग सकी। नतीजा यह है कि माफिया के जेल में होने के बाद भी उसका खेल जारी है।
इंटरस्टेट 227 गैंग का सरगना अतीक अहमद फरवरी 2017 में जेल भेजा गया। दिसंबर 2016 में शुआट्स में घुसकर मारपीट के मामले में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद यह कार्रवाई हुई। इसके बाद से अतीक लगातार जेल में ही है। लेकिन उसके गुर्गों का खेल लगातार जारी है। रंगदारी मांगने, जमीन पर अवैध कब्जा, अवैध प्लाटिंग, जमीन के नाम पर रुपये हड़पने का धंधा लगातार जारी है।
आएदिन मिल रही हैं शिकायतें
आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। यह वह मामले हैं जिनमें एफआईआर तो दर्ज हुई। लेकिन प्रभावी कार्रवाई न होने की वजह से गुर्गों पर कोई लगाम नहीं लग सकी। 2018 में अतीक गिरोह की ओर से करेली, धूमनगंज में 1200 बीघा में अवैध प्लाटिंंग का मामला सामने आया। 2019 में अतीक के गुर्गों ने लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित अग्रवाल को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाकर पीटा।
2020 में अतीक का प्रॉपर्टी डीलिंग का काम देखने वाले असाद पर जमीन पर कब्जा और रंगदारी मांगने का केस दर्ज हुआ। इसी साल उसकेकई अन्य गुर्गों पर विभिन्न धाराओं के केस दर्ज हुए। 2021 में पीडीए की कार्रवाई में पता चला कि अतीक के जेल जाने के बाद भी उसके कई गुर्गों ने करोड़ों की सरकारी जमीन कब्जाई रखी थी। इस साल भी लगातार उसके गुर्गों के कारनामे सामने आ रहे हैं।
अवैध प्लाटिंग में चार्जशीट, चला रहे रियल इस्टेट कंपनी
सूत्रों का कहना है कि अतीक गैंग के कई ऐसे सदस्य हैं, जो अवैध प्लाटिंग व धोखाधड़ी में चार्जशीटेड होेने के बावजूद मौजूदा समय में जोरशोर से प्रॉपर्टी डीलिंग कर रहे हैं। वह रियल इस्टेट कंपनी चला रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनके कार्यालय पिछले साल माफिया के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान ढहा दिए गए, लेकिन सख्ती कम होने पर दोबारा उन्होंने कार्यालय खोल लिए। करेली में तमाम ऐसे इलाके हैं जहां अतीक के गुर्गे अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
शूटर को मिल गया सरकारी गनर
अतीक गैंग के सदस्यों पर प्रभावी कार्रवाई न होने का ही सबसे बड़ा मामला तब सामने आया जब पिछले साल उसके सबसे खास शूटर आबिद को गनर दे दिया गया। यह मामला काफी चर्चा में भी रहा।
मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने केबाद जांच भी शुरू हुई लेकिन कुछ दिनों बाद मामला ठंडा पड़ गया। गौरतलब है कि आबिद पर तीन दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। उधर आबिद के दामाद और पहले अतीक के करीबी व बाद में उस पर केस दर्ज कराने वाले जैद खालिद पर की गई गोपनीय कार्रवाई भी बेहद चर्चित रही। जिसे लेकर अफसर कुछ बोलने से बचते रहे।
माफिया के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। कार्रवाई लंबित है, तो संबंधितों से पूछताछ की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।- अजय कुमार, एसएसपी