आर्थिक स्थिति खराब होने से अब कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा। समग्र शिक्षा विभाग ने राज्य में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की पढाई बाधित न हो, इसके लिए सरकार ने केंद्र के सहयोग से मदद का हाथ बढाया है।
ऐसे बच्चों को समग्र शिक्षा विभाग की ओर से ओपन स्कूल से पढ़ने के लिए फीस दी जाएगी। इस योजना का लाभ एससी, एसटी, बीपीएल और लड़कियों को मिलेगा। इस साल एससी, एसटी, बीपीएल और लड़कियों को मिलाकर नौ हजार ने 10वीं या 12वीं की पढ़ाई के लिए परीक्षा दी है। इन किशोरों के लिए राज्य सरकार ने एक करोड़ 13 लाख रुपये रिलीज कर दिया है।
लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक प्रभावित
इस साल हुए सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 27 हजार 473 बच्चों ने स्कूल में नाम तक नहीं लिखवाया है। इनमें 15 हजार 324 लड़के और 12 हजार 371 लड़किया हैं। छत्तीसगढ़ में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग और राज्य ओपन स्कूल बोर्ड ऐसे माध्यम हैं, जहां से किशोर 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। ऐसे में दोनों संस्थानों से भी योजना का लाभ देने के लिए इन किशोरों का चयन किया जा रहा है।
बिलासपुर में सबसे अधिक स्कूल बच्चे स्कूल से बाहर
प्रदेश भर में हुए सर्वे के मुताबिक प्रदेश के बिलासपुर में सबसे अधिक तीन हजार 191 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने आज तक स्कूलों में अपना नाम तक नहीं लिखवाया है। इसी तरह बलरामपुर में सबसे कम 95 बच्चे ऐसे मिले हैं, जो कि स्कूल से बाहर हैं।
रायपुर में 1,056 ने नहीं देखा स्कूल का मुंह
सर्वे के आंकड़े में रायपुर में भी 1,056 ऐसे बच्चे हैं, जिन्होंने स्कूल में नामांकन नहीं कराया है। इनमें लड़कों की संख्या 680 और लड़कियों की संख्या 376 है।
10वीं-12वीं परीक्षा फीस का भुगतान
आउट आफ स्कूल ऐसे बच्चे, जिनकी उम्र 14 से 19 साल के बीच है, उनकी 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में जो भी फीस है, उसका भुगतान समग्र शिक्षा विभाग की ओर से किया जा रहा है। इससे इन विद्यार्थियों को एक बार फिर मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।