रायपुर : निजी स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी प्ले स्कूल की सुविधा मिलेगी। सत्र 2022-23 से प्रदेश के जिन प्राइमरी स्कूल के साथ आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं, वहां पर बालवाड़ी खुलेगी। नई शिक्षा नीति में भी नौनिहालों की शिक्षा और शिक्षा स्तर में सुधार के लिए प्रविधान हैं। इसी के तहत राज्य सरकार की ओर से कई पहल की जा रही है।
प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल के अंतर्गत तीन से छह वर्ष आयु उम्र के बच्चों के लिए ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल ‘बालवाड़ी” की स्थापना की जाएगी, जहां आंगनबाड़ी और प्राइमरी स्कूल एक ही प्रांगण में हों। प्रथम चरण में ऐसी छह हजार से अधिक बालवाड़ी प्रारंभ की जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे केंद्रों की संख्या 6,536 है, जहां प्राथमिक शालाएं आंगनबाड़ी में ही स्थित हैं। प्रस्ताव के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही बालवाड़ी (बालवाटिका) का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। अप्रैल 2022 से इन बालवाड़ी में दाखिले के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
गतिविधि आधारित पुस्तिका तैयार: विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बालवाड़ी में प्रवेश के लिए तीन से छह वर्ष आयु उम्र के बच्चों की अनुमानित संख्या एक लाख 15 हजार है। इन बच्चों के लिए एससीईआरटी ने बालवाटिका गतिविधि पुस्तिका भी तैयार कर ली है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सक्रिय हुआ अमला
राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी बेहतर अवसर दिलाने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुआत की है। अब नई शिक्षा नीति के तहत राज्य सरकार ने बालवाड़ी की स्थापना की पहल की है। इन बालवाड़ी केंद्रों में खेल आधारित गतिविधियों के माध्यम से नौनिहालों के सीखने पर जोर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले चरण राज्य भर में छह हजार से अधिक बालवाड़ी केंद्रों की स्थापना की घोषणा हाल ही में गणतंत्र दिवस के मौके पर की थी।
स्वामी आत्मानंद स्कूलों में भी अप्रैल से दाखिला
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नई पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए स्कूल शिक्षा से उच्च शिक्षा तक और रोजगार से लेकर संस्कार विकसित करने तक अनेक कदम उठाए हैं। प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को भी भविष्य में बेहतर अवसर मुहैया कराने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम शालाओं की स्थापना की।
राज्य में अभी 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम शालाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें 72 हजार से अधिक बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है। इसी तरह पर ऐसी हिन्दी शालाओं की स्थापना भी प्रत्येक जिलों में की जाएगी। इन स्कूलों में भी अप्रैल से दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
फैक्ट फाइल
32,715 प्राइमरी स्कूल प्रदेश भर में संचालित
6 हजार से अधिक बालवाड़ी की होगी स्थापना
6,536 ऐसे प्राइमरी स्कूल, जहां आंगनबाड़ी भी
16,393 मिडिल स्कूल प्रदेश भर में संचालित
2,726 हाई और 4,469 हायर सेकेंडरी स्कूल प्रदेश में