रायपुर : देश की बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप करने की चाह रखने वाले प्रदेश के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए राहें आसान हो चुकी है। आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) इंटर्नशिप योजना के तहत छात्र अपने पसंदीदा कंपनी में आसानी से इंटर्नशिप कर सकते हैं। आल इंडिया काउंसिल फार टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) ने जो पोर्टल बनाया है, उसमें देश की 40 हजार कंपनियां जुड़ी हैं। इंटर्नशिप के लिए छात्र अब इसमें जाकर कंपनी का चयन कर सकेंगे।
एआइसीटीई ने राष्ट्रीय स्तर बनााय पोर्टल
एआइसीटीई की केंद्रीय टीम और तकनीकी शिक्षा विभाग की बैठक में इस योजना के तहत इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। बता दें, इंजीनियरिंग के छात्रों को शिक्षा के दौरान विषय की बारीकियां सीखने निश्चित अवधि के लिए कंपनियों में जाकर प्रशिक्षण लेना होता है।
अधिकांश छात्र, कई तरह की कठिनाइयों के चलते मनचाही कंपनियों में इंटर्नशिप नहीं कर पाते हैं। इसे देखते हुए एआइसीटीई ने राष्ट्रीय स्तर की 40 हजार कंपनियों को एक पोर्टल में लाकर छात्रों को एक बढ़िया अवसर दिया है। एआइसीटीई पोर्टल में जाकर आनलाइन पंजीयन कर किसी भी कंपनी में इंटर्नशिप कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ के 13,500 से अधिक छात्रों को लाभ
वर्तमान में एआइसीटीई इंटर्नशिप योजना में इंजीनियरिंग व डिप्लोमा के छात्रों को अवसर दिए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को छोड़ दें तो राज्य के सरकारी व प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेजों में 13,500 इंजीनियरिंग व डिप्लोमा के छात्र अध्ययन कर रहे हैं। इन्हें एआइसीटीई के इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा।
इंजीनियरिंग कालेजों को मिला प्रशिक्षण
एआइसीटीई व राज्य तकनीकी शिक्षा विभाग ने एआइसीटीई इंटर्नशिप योजना को बढ़ावा देने एक दिन का प्रशिक्षण रखा। इसमें इंजीनियरिंग कालेज के प्राचार्य समेत 60 प्राध्यापक शामिल हुए। एआइसीटीई के अधिकारियों ने कालेज प्रबंधनों को पोर्टल में छात्रों की जानकारी भरने व छात्रों में इस अवसर को लेकर जागरूकता की बात कही।
प्रदेश में इंजीनियरिंग कालेजों के आंकड़े
33 इंजीनियरिंग कालेज
11,291 सीटें हैं स्नातक के
47 पालिटेक्निक कालेज
8328 सीटें हैं डिप्लोमा के
शिक्षा की गुणवत्ता को भी बढ़ावा मिलेगा
एआइसीटीई इंटर्नशिप योजना को लेकर एआइसीटीई ने सभी इंजीनियरिंग कालेजों की बैठक ली। इंजीनियरिंग कालेजों के छात्रों को एआइसीटीई से इंटर्नशिप कराया जाएगा। इसके माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता को भी बढ़ावा मिलेगा।