इंदौर। बदलती जीवनशैली व खान-पान में के कारण अभी जहां आम लोगों में डायबिटीज व अधिक कोलेस्ट्राल की समस्याएं बढ़ी हैं, वहीं इंदौर के बोहरा समाज के लोगों ने पिछले पांच साल में अपने खान-पान में बदलाव कर कोलेस्ट्राल की समस्या कम कर ली है। हाल ही में ‘स्वच्छ इंदौर अब स्वस्थ भी’ मुहिम के तहत इंदौर मेडिकल एसोसिएशन इंदौर शाखा व सेंट्रल लैब द्वारा समाज के 18 वर्ष से अधिक के एक हजार लोगों की जांच की गई। इसमें 7 प्रतिशत लोगों में ही कोलेस्ट्राल बढ़ा हुआ मिला। पांच साल पूर्व जब समाज के लोगों की जांच की गई थी तो 58 प्रतिशत में कोलेस्ट्राल बढ़ा मिला था।
धर्मगुरु के निर्देश पर बदलाव
पांच साल पहले इंदौर सहित देशभर में समाज के लोगों का स्वास्थ्य सर्वे हुआ था। उस समय काफी लोगों में डायबिटीज व कोलेस्ट्राल संबंधित समस्या पाई गई थी। तब समाज के धर्म गुरु सैयदना साहब ने देशभर में समाज की मस्जिदों के जमातखानों में बनने वाले भोजन को गुणवत्तापूर्ण बनाने पर जोर दिया था। इसके लिए डायटिशियन की सलाह पर मैन्यू में बदलाव किया गया था। उस समय धर्मगुरु सैयदना साहब इंदौर आए थे तो उन्होंने समाजजन से भोजन शैली में बदलाव करने को कहा था।
जमातखाने से आता है एक समय का भोजन
इंदौर में बोहरा समाज के छह हजार परिवारों के करीब 25 हजार लोग हैं। बोहरा समाज की 15 मस्जिदों के जमातखानों में भोजन तैयार होता है। समाज के अधिकांश परिवारों में एक समय का टिफिन पहुंचाया जाता है। यह व्यवस्था अगस्त 2011 से शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य यह है कि समाज के सभी तबकों को एक जैसा पौष्टिक भोजन मिले।
इस तरह किया खान-पान में बदलाव
– पहले भोजन में मावे व तेल का उपयोग ज्यादा हो रहा था जिसे कम किया गया।
– अब मावे के बजाय दूध की मिठाई का बनाई जा रही है।
– तेल, घी, नमक व मिर्च का सीमिति मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है।
– हरी सब्जियों और दाल का उपयोग बढ़ाया गया।
– नानवेज बनाने का तरीका भी बदला गया।
स्वास्थ्य हुआ बेहतर
धर्मगुरु सैयदना साहब के निर्देश पर मस्जिदों के जमातखानों में तैयार होने वाले टिफिन के भोजन में बदलाव किया गया। इसका असर यह है कि अब समाज के लोगों में शुगर व कोलेस्ट्राल की समस्या कम दिखाई दे रही है। – जौहर मानपुरवाला, प्रवक्ता सिया दाऊदी बोहरा समाज, इंदौर
कोलेस्ट्राल की समस्या बोहरा समाज में कम हमने शहर में विभिन्न समाजों के लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया है। बोहरा समाज ही एकमात्र ऐसा है जिसमें बढ़े हुए कोलेस्ट्राल वाले लोगों की संख्या कम है। पांच साल पहले जब हमने समाज के लोगों की जांच की थी तो उसमें 58 प्रतिशत लोगों में कोलेस्ट्राल बढ़ा मिला था। समाज के लोगों की जागरूकता व खान-पान के बदलाव के कारण ही यह संभव हो पाया। – डा. विनिता कोठारी, सदस्य, इंदौर मेडिकल एसोसिएशन, इंदौर शाखा
खान-पान में संतुलन रखना आवश्यक बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल धमनियों में जमकर रक्त प्रवाह को रोकता है। इसके कारण रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) बढ़ने एवं हृदय रोग की संभावना रहती है। इन बीमारियों के साथ किडनी व आंखों की समस्या 40 वर्ष की उम्र के आसपास के लोगों को भी प्रभावित करती है। यदि लोग अपना खानपान संतुलित रखें तो उनका कोलेस्ट्राल नियंत्रण में रह सकता है। – डा. वीपी पांडे, एचओडी मेडिसिन विभाग, एमवाय अस्पताल