इंदौर : करीब दो साल से कोरोना का दंश झेल रहे शहरवासियों के लिए राहत भरी खबर है कि फरवरी के 19 दिन में संक्रमण लगातार कम होता रहा। किसी समय 10 से ऊपर चल रही संक्रमण दर भी इन 19 दिनों में पांच प्रतिशत से नीचे रही। चिंता की बात यह जरूर है कि फरवरी में कोरोना से अब तक 31 लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि ये सभी लोग किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। विशेषज्ञों का मानना है कि शहर के ज्यादातर लोगों को कोरोना के टीके लग चुके हैं। टीके की वजह से शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबाडी बन चुकी है। यही वजह है कि कोरोना वायरस का प्रभाव कम हो रहा है। जिन लोगों को पहले से गंभीर बीमारी है उनके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता अत्यंत कम होने की वजह से कोविड उन्हें आसानी से अपनी चपेट में ले लेता है।
फरवरी के 19 दिन में एक लाख 78 हजार 779 सैंपलों की जांच हुई। इनमें से 7509 संक्रमित मिले हैं। यानी संक्रमण की औसत दर 4.2 प्रतिशत रही है। बड़ी बात यह है कि इन 19 दिनों में 17737 लोग कोरोना को हराने में सफल भी रहे। जितने लोग इन 19 दिनों में संक्रमित हुए उससे करीब ढाई गुना ठीक भी हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वक्त विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना वायरस बार-बार अपने आपको बदलता है। इस वक्त यह मान लेना कि कोरोना का प्रकोप खत्म हो गया है गलत है। हो सकता है कोरोना रूप बदलकर फिर हमला करे इसलिए सावधानी जरूरी है। हमें इस वक्त कोविड गाइड लाइन का पूरा पालन करना चाहिए।
नजर नहीं आ रहा चेहरे पर मास्क – कोरोना संक्रमण कम होने के बाद लापरवाही भी सामने आने लगी है। सड़क पर ज्यादातर लोग बगैर मास्क के नजर आ रहे हैं। बाजारों में भीड़ लगातार बढ़ रही है। हाथों को बार-बार साबुन से धोने के नियम को लोग भूल चुके हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि हमें कुछ और दिन कोरोना प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।