कानपुर जिले की 10 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के प्रतिशत में भले ही महज .09 प्रतिशत का इजाफा हुआ हो, लेकिन बेहतर चुनाव प्रबंधन की बदौलत इस बार एक भी पोलिंग बूथ पर शून्य मतदान नहीं रहा।
अफसरों का दावा है कि जिले में पहली बार ऐसा हुआ है, जब हर बूथ पर वोट पड़े हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि सामाजिक संगठनों से लेकर मीडिया और जिला प्रशासन ने इस बार पर खास फोकस रखा कि कम या शून्य मतदान वाले इलाकों में लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया जाए।
यही वजह रही कि वर्ष 2017 की तुलना में मतदान प्रतिशत भी बढ़ा और हर बूथ पर वोटिंग हुई। 2017 में 57.26 के मुकाबले इस चुनाव में 57.35 फीसदी वोट पड़े। कुछ जगहों पर बहिष्कार की सूचना मिली, तो वहां लोगों को समझाकर मतदान कराया गया। वर्ष 2017 के चुनाव में कई पोलिंग बूथों पर शून्य मतदान हुआ था। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग ने इस सफलता के लिए जिला प्रशासन की तारीफ की है।
बिठूर टॉपर, आर्यनगर फिसड्डी
मतदान के बाद नौबस्ता स्थित स्ट्रांगरूम में ईवीएम और वीवीपैट पहुंचने के बाद सोमवार को प्रेक्षकों की निगरानी में स्क्रूटनी की गई। इसके बाद कुल मतदान का फाइनल आंकड़ा जारी किया गया। जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 10 सीटों पर कुल 57.35 फीसदी मतदान हुआ है, जो 2017 की तुलना में 0.09 फीसदी ज्यादा हो गया है।
रविवार रात जारी प्रारंभिक आंकड़े में मतदान प्रतिशत 57.08 था। वोटिंग के मामले में जिले में बिठूर टॉपर और आर्यनगर फिसड्डी रहा। पिछले चुनाव की तुलना में बिठूर में चार फीसदी ज्यादा वोट पड़े। वहीं, आर्यनगर में साढ़े छह फीसदी मतदाता कम निकले। बिठूर में कुल 65.52 फीसदी और आर्यनगर में 50.76 फीसदी मतदान हुआ।