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Rangbhari Ekadashi 2022: रंगभरी एकादशी पर भगवान विष्‍णु के साथ होता है शिव जी का पूजन, जाने क्‍यों

Rangbhari Ekadashi 2022: जबलपुर: हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का बहुत महत्व है। जिसमें भक्‍त भगवान नारायण की आराधना करते हैं। लेकिन यह बहुत कम लोगों को पता है कि साल में एक एकादशी ऐसी भी आती है जिसमें भगवान शंकर की आराधना की जाती है। यह एकादशी है फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी। इसे रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

इस बार 14 मार्च को है रंगभरी एकादशी : ज्‍योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि साल की एक ऐसी एकादशी है, जिसमें भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस बार रंगभरी एकादशी 14 मार्च के दिन पड़ रही है। होली से 6 दिन पहले रविवार को ही रंगभरी एकादशी मनाई जाएगी।

शिव जी के भक्‍त धूमधाम से मनाते हैं त्‍योहार : रंगभरी एकादशी के दिन काशी में शिव जी के भक्त बहुत धूम-धाम इस त्योहार को मनाते हैं। इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती का गौना कराकर काशी लाए थे। इसलिए इस दिन काशी में मां पार्वती का भव्य स्वागत किया जाता है और इसी खुशी में रंग-गुलाल उड़ाया जाता है और ये पर्व 6 दिन तक चलता है।

आंवले के पेड़ की भी करते हैं पूजा : ज्‍योतिषाचार्य पंडित प्रवीण मोहन शर्मा ने बताया कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव के साथ-साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है, इसलिए रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन पूजा पाठ करने से व्यक्ति को सेहत और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, इस दिन अन्नपूर्णा की सोने या चांदी की मूर्ति के दर्शन करने की भी परंपरा है।

ये रहेगा एकादशी का मुहूर्त : हिंदू पंचाग के अनुसार रंगभरी एकादशी का आरंभ 13 मार्च सुबह 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 14 मार्च सुबह 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। वहीं एकादशी में रवि सोम पुष्य का योग भी बन रहा है। पुष्य नक्षत्र रविवार 13 मार्च को शाम 6 बजकर 44 मिनट से सोमवार 14 मार्च रात 8:50 मिनट तक रहेगा।

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