रायपुर : छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को बड़ी सफलता मिल रही है। अक्टूबर 2019 इस अभियान की शुरुआत के बाद से एक लाख 70 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हुए हैं। वर्ष 2016 से 2022 तक आयोजित वजन त्योहार के आंकड़ों के अनुसार कुपोषण की दर में लगातार कमी आई है। बच्चों कुपोषण की दर 30.13 फीसद से घटकर अब मात्र 19.86 फीसद रह गई है। राज्य में कुपोषण दर में लगभग 10.27 फीसद की कमी आई है।
बाहरी एजेंसी से कराया गया सत्यापन
महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसरों ने बताया कि वजन त्योहार के दौरान अवधि विशेष में सभी बच्चों का वजन लेने के साथ पोषण स्तर की जानकारी ली जाती है। जुलाई 2021 में लगभग 22 लाख बच्चों का 10 दिन के भीतर वजन लिया गया और कुपोषण के परिणाम निकाले गए। इसमें जो आंकड़े प्राप्त हुए उनका बाहरी एजेंसियों से सत्यापन भी कराया गया है।
राष्ट्रीय औसत से 1.2 फीसद कम
राष्ट्रीय सर्वे एजेंसी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-पांच (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार भी छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर में कमी आई है। कुपोषण का राष्ट्रीय औसत 32.1 फीसद है, जबकि प्रदेश में यह दर 31.3 फीसद है। इस प्रकार राज्य में कुपोषण राष्ट्रीय औसत से भी कम है। बता दें कि राष्ट्रीय सर्वे एजेंसी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-चार वर्ष 2015-16 के अनुसार राज्य में कुपोषण की दर 37.7 फीसद थी, जबकि उस समय राष्ट्रीय औसत दर 35.8 फीसद थी।
राज्य में कुपोषण की दर में 6.4 फीसद की गिरावट
एनएफएचएस-पांच के सर्वे रिपोर्ट में राज्य में कुपोषण की दर में 6.4 फीसद गिरावट आई है। यह दर मात्र 31.3 रह गई है। राष्ट्रीय सर्वे एजेंसी नेशनल फैमिली हेल्थ के रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है कि राज्य में बच्चों के पोषण स्तर पर ध्यान देने के बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं, जिससे राज्य में कुपोषण दर 30.13 फीसद से घटकर अब मात्र 19.86 फीसद रह गई है। बताते चले कि एनएफएचएस-पांच के अनुसार छत्तीसगढ़ में बच्चों में कुपोषण का स्तर गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, झारखंड, बिहार आदि राज्यों से कम है।