अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मंगलवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित महिला मार्च में हजारों की तादाद में महिलाएं और लड़कियां शामिल हुईं। गोमती नगर के 1090 चौराहा से शुरू हुए मार्च से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं में जोश भरते हुए कहा लड़की हूँ लड़ सकती हूँ और कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा सिर्फ चुनाव के लिए नहीं दिया गया है बल्कि यह एक आंदोलन है महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए।
पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव में जिन महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया गया था उनके साथ प्रियंका गांधी ने 1090 चौराहा से सिकंदर बाग चौराहा के लिए पैदल मार्च शुरू किया। करीब 40 मिनट पैदल चलकर वह सिकंदर बाग चौराहा पहुंची और वहां पर लगी उदा देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। महिला मार्च को लेकर गोमती नगर के 1090 चौराहे पर सुबह से ही बड़ी संख्या में लड़कियों और महिलाओं की भारी भीड़ लगने लगी। 1090 चैराहा के अलावा पूरे रूट को मेले की तरह गुब्बारों और झंडों से सजाया गया था। मार्च में आई महिलाओं के लिए विशेष प्रकार के गुलाबी रंग के झोले भी बनाए गए थे उनको उन्हें बांटा गया था।
स्कूटी मोबाइल के लिए खूब भरा गया फार्म
मार्च में आने वाली महिलाओं को स्कूटी और स्मार्ट फोन उपहार में देने के लिए मौके पर पंजीकरण भी कराया जा रहा था जिसमें बड़ी तादाद में गांव की बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हुईं। पार्टी की तरफ से पंजीकरण को लेकर स्टाल तो लगाया गया था मगर उन महिलाओं के लिए कोई व्यवस्था नही थी जो लिख नही सकती थीं।
मार्च शुरू होते ही जमीन पर गिरने लगे महिला सशक्तिकरण के कट आउट
मार्च में शामिल होने के लिए बड़ी तादाद में महिलाएं आई थी। जिनको करीब 2 घंटे तक इंतजार भी करना पड़ा क्योंकि प्रियंका गांधी को 12 बजे आना था और वह करीब 2 बजे आईं। ऐसे में 2 घंटे से धूप में खड़ी महिलाएं थक गईं। जैसे ही मार्च शुरू हुआ पीछे की कुछ महिलाओं ने कट आउट जमीन पर फेंक दिए। भीड़ के चलते काफी संख्या में महिलाएं पीछे ही रह गईं। वही मार्च शुरू होने के बाद भी बाहर से आने वाली महिलाओं का सिलसिला जारी रहा।
सुरक्षा से खिलवाड़, भीड़ में चला दिया ट्रैफिक
1090 चौराहे पर भारी भीड़ के चलते करीब एक घंटे तक गोमती नगर की ओर से 1090 पुल से जाने वाला ट्रैफिक बंद रहा लेकिन जब प्रियंका गांधी आयोजन स्थल पर आईं उसी दौरान भारी भीड़ के बीच गोमती नगर की ओर से आने वाला ट्रैफिक छोड़ दिया गया। जिससे अफरा तफरी मच गई। ट्रैफिक निकालने के लिए कोई व्यवस्था भी नहीं की गई थी ऐसे में भारी भीड़ के बीच से गाड़ियां निकलती रहीं।