Holi 2022 Upay: हिंदू धर्म में अग्नि को पवित्र माना गया है। वहीं होली पर अग्नि का महत्व बढ़ जाता है। लोग होलिका दहन की अग्नि से अपने घर का चूल्हा जलाते हैं (Holi 2022 Upay 1) ताकि परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे। भोजन को उसकी आग में पकाया जाता है और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस दिन महिलाएं दूध, पानी, कुमकुम, अक्षत, फूल से होलिका की पूजा करती हैं और प्रार्थना करती हैं कि जैसे भगवान ने प्रह्लाद को विपत्तियों से बचाया, उसी तरह उनके परिवार की रक्षा करें।
इस दिन होलिका को गाय के गोबर से बना नारियल चढ़ाया जाता है। गोबर से बने गोल चक्र भी चढ़ाए जाते हैं और इन चक्रों का अर्थ यह है कि जैसे भगवान विष्णु अपने चक्र से भक्तों की रक्षा करते हैं, वैसे ही वे हमारी भी रक्षा करें। होलिका दहन से पहले लोग कच्चे सूत से इसकी परिक्रमा करते हैं और होलिका पर लपेट देते हैं ताकि प्रह्लाद जी की रक्षा हो सके। यह विश्वास लोगों को असत्य के खिलाफ लड़ने की नैतिक शक्ति देता है।
Holi 2022 Upay 2: अधिक खर्च को रोकने का उपाय
होली के दिन आसमान में चांद दिखने से पहले किसी खुली जगह पर खड़े हो जाएं। ध्यान रहे कि इस स्थान से चंद्रमा दिखाई देना चाहिए। फिर चंद्रमा को याद करते हुए कुछ सूखे खजूर चांदी की थाली में रख दें और कुछ मखाने रख दें. अब घी के दीपक से धूप का घर करें। और हल्की अगरबत्ती। अंत में दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें।
सफेद मिठाई और केसर मिश्रित साबूदाने की खीर को अर्घ्य के साथ चढ़ाएं। घर में समृद्धि और धन पर नियंत्रण रखने के लिए चंद्रमा से ऐसी कामना करें। बाद में बच्चों में प्रसाद और मखाना बांटें। फिर प्रत्येक पूर्णिमा की रात्रि को चन्द्रमा को दूध अर्पित करें। कुछ दिनों बाद ये समस्याएं दूर हो जाएंगी। लेकिन शुरुआत होली के दिन से ही करें।
सबसे पहले एक नारियल को लाल कपड़े में गेहूँ के आसन पर रख दें। अब नारियल पर सिंदूर का तिलक लगाएं। फिर नीचे लिखे मंत्र का जाप मूंगे की माला से करें। 21 माला जाप के बाद इस पोटली को दुकान में ऐसी जगह पर लटका दें, जहां ग्राहकों की निगाह इस पर टिकी रहे। इससे व्यापार में सफलता मिल सकती है।
साथ में दुकान या व्यापार स्थल जहां वह लाल कपड़ा लटका हुआ है, वहीं पूजा करते हुए Om श्री श्री श्री श्री श्री परम सिद्धि बिजनेस वृधि नमः। मंत्र का जाप अवश्य करें।
Holi 2022 Upay 4: शीघ्र विवाह के उपाय
होली के दिन सुबह-सुबह एक पूरे पान पर शिवलिंग पर साबुत सुपारी और हल्दी की गांठें चढ़ाएं और बिना पीछे मुड़े अपने घर आ जाएं। यही प्रयोग अगले दिन भी करें। आपकी शादी जल्द हो सकती है।
शुभ कामनाओं के साथ होलिका पूजन
यह पर्व विवाहित महिलाओं द्वारा परिवार की सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। प्राचीन काल में महिलाएं पूर्णिमा की पूजा करती थीं और परिवार के सुख की कामना करती थीं। वैदिक काल में होली को नवनेष्टी यज्ञ कहा जाता था। उस समय खेत के आधे पके अन्न को यज्ञ में दान कर प्रसाद ग्रहण करने का समाज में विधान था। यज्ञ में चढ़ाए जाने वाले भोजन को होला कहा जाता था और इसलिए इस त्योहार का नाम होलिका पड़ा। प्रह्लाद के साथ धर्म की रक्षा का प्रसंग भी इस पर्व से जुड़ा है और इसलिए इसे धर्म की रक्षा के पर्व के रूप में भी देखा जाता है।
मनुस्मृति के अनुसार इसी दिन मनु के जन्म का उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि मनु इस धरती पर आने वाले पहले इंसान थे। इस दिन ‘नर-नारायण’ के जन्म का भी वर्णन मिलता है, जिन्हें भगवान विष्णु का चौथा अवतार माना जाता है।