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दिल्ली के दो धुरंधर पंजाब से जाएंगे राज्यसभा: एक ने पर्दे के पीछे रहकर सुनिश्चित की आप की प्रचंड जीत, दूसरे ने फ्रंट पर संभाला

पंजाब से राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने जिन पांच उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, उसमें दो दिल्ली की सियासत के धुरंधर हैं। पंजाब से पहले इन नामों ने दिल्ली की सियासत में भी अपनी छाप छोड़ी है। दोनों शख्सियतों ने पंजाब की प्रचंड जीत में अहम भूमिका निभाई है। एक ने परदे के पीछे रहकर काम किया। जबकि दूसरे ने फ्रंट पर रहकर विपक्षियों के हर वार से आप का बचाव किया। नाम हैं इनके संदीप पाठक और राघव चड्ढा। संदीप पाठक आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर रहे हैं। वहीं, राघव चड्ढा दिल्ली से विधायक और पंजाब के सह प्रभारी रहे। आप उम्मीदवारों ने सोमवार अपना नामांकन भी कर दिया है।

एक दिन पहले केजरीवाल से मिली संदीप को तारीफ, दूसरे दिन काम का इनाम डॉ. संदीप पाठक मूलत: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से हैं। किसान परिवार में जन्में संदीप पाठक का जन्म 4 अक्तूबर 1979 को हुआ। इनके पिता का नाम शिवकुमार पाठक है और छोटे भाई प्रदीप पाठक और बहन प्रतिभा पाठक हैं। डॉ. संदीप की प्राइमरी शिक्षा में ही हुई है। इसके बाद वह 6वीं की पढ़ाई के लिए बिलासपुर चले गए। वहां से एमएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद हैदराबाद और फिर करीब 6 साल ब्रिटेन में रहकर पढ़ाई की। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से 2011 में पीएचडी करने के बाद वह भारत लौटे। वापसी के बाद एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर आईआईटी दिल्ली से जुड़े।

यह वही वक्त था, जब दिल्ली में जनलोकपाल आंदोलन चल रहा था। आप और अरविंद केजरीवाल की भ्रष्टाचारमुक्त भारत की मुहिम ने संदीप पर भी असर डाला और वह 2015-16 में पार्टी के साथ जुड़े गए। पार्टी नेतृत्व ने उनको संगठन निर्माण के काम में लगाया।

दिल्ली चुनाव के दौरान उम्मीदवारों का फीडबैक लेने का पूरा सिस्टम विकसित किया। बीते तीन सालों से वह पंजाब में संगठन को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से सटीक सर्वे करने का सिस्टम भी विकसित किया। इससे पार्टी को जमीनी हकीकत पता लगती रही। 

संदीप पाठक ने उम्मीदवारों के चयन समेत पार्टी के प्रचार रणनीति को भी आकार देने में अहम भूमिका अदा की। नतीजा प्रचंड जीत के तौर पर आया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पंजाब के आप विधायकों को संबोधित करते हुए डॉ. पाठक की तारीफ की। वहीं, दूसरे दिन सोमवार राज्य सभा भेजने का एलान कर कामों का इनाम भी दे दिया।

केजरीवाल की हर उम्मीद पर उतरे खरे राघव, बड़ी जीत का मिला बड़ा इनाम

राघव चड्ढ़ा आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली से विधायक और पंजाब के सह-प्रभारी रहे राघव चड्ढा राज्य सभा पहुंच रहे हैं। जनलोकपाल आंदोलन के वक्त से ही वह अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़े रहे। 2012 में केजरीवाल ने राघव को जनलोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग कमेटी से जोड़ा। केजरीवाल से मिली यह पहली बड़ी जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद से वह हर वक्त अपने पार्टी संयोजक की उम्मीदों पर खरे उतरते रहे हैं। 2013 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में राघव घोषणापत्र कमेटी के सदस्य थे। इसके बाद उनको महज 22 साल की उम्र में राष्ट्रीय प्रवक्ता बने। इसके चार साल बाद वह आप के कोषाध्यक्ष नियुक्त हुए। इस दौरान उन्होंने कई बार आप को मिले आयकर टैक्स के नोटिस का भी सामना किया। 

दरअसल, राघव चड्ढा को अरविंद केजरीवाल का विश्वसनीय सिपाही माना जाता है। यही वजह है कि उन्हें पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी मिलती रही है। 2019 लोक सभा चुनाव में दक्षिणी दिल्ली से आप के उम्मीद थे। लेकिन चुनावों में उनकी शिकस्त हुई। इसके तुरत बाद दिल्ली विधान सभा के चुनाव में आप ने उनको राजेंद्र नगर प्रत्याशी बनाया और दिल्ली विधान सभा पहुंचने में वह कामयाब रहे। दिल्ली सरकार ने अपने बेहद अहम प्रोजेक्ट हर घर को पानी पहुंचाने का जिम्मा देते हुए दिल्ली जलबोर्ड का उपाध्यक्ष बना दिया। पंजाब चुनाव नजदीक आने पर राघव चड्ढा को प्रदेश का सह प्रभारी बनाकर भेजा गया। उम्मीदवारों के चयन से लेकर पार्टी की रणनीति बनाई। साथ ही फ्रंट पर रहकर विपक्षियों के हमलों का सामना किया। वहीं, पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ रेत माफिया के साथ मिलीभगत के आरोप को लेकर भी राघव चड्ढा आक्रामक रहे।

आप ने राघव के काम का इनाम देते हुए राज्य सभा भेजने का फैसला किया। वह बॉक्सर मैरीकॉम के साथ दूसरे सबसे युवा सांसद होंगे। इससे पहले अनुभव मोहंती 32 साल की उम्र में राज्य सभा सांसद रहे हैं। राघव का जन्म 11 नवंबर 1988 को नई दिल्ली में हुआ था। उन्होंने मॉडर्न स्कूल से शिक्षा हासिल की। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी स्नातक हैं।

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