दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि ट्रैफिक लाइट पर खड़े बेसहारा बच्चों के लिए वे स्कूल बनाएंगे तो एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम झूठ बोल रहे हैं। इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट कई महीनों से दिल्ली सरकार को निर्देश दे रहा है लेकिन सिर्फ 1,800 बच्चों का पुनर्वास हो पाया है।
दिल्ली के सीएम ने शनिवार को एक ट्वीट किया, ”ट्रैफिक लाइट पर खड़े बच्चों की तरफ आज तक किसी सरकार ने ध्यान नहीं दिया, वो इसलिए क्योंकि वो ‘वोट बैंक’ नहीं होते। हम उनका ध्यान रखेंगे। हमारी सरकार उन बच्चों के लिए शानदार स्कूल बनाएगी। वो वहीं रहेंगे, वहीं पढ़ेंगे। हम उन्हें एक बेहतर नागरिक बनाएंगे।”
इसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने उनके ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पोस्ट किया, ”माननीय सर्वोच्च न्यायालय नवम्बर माह से बार-बार लगातार सड़क पर रह रहे बच्चों को पुनर्वासित करने का निर्देश दे रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार की अकर्मण्यता से केवल 1,800 बच्चों को प्रक्रिया में लाया गया है। दिल्ली की सड़कों पर रह रहे 73,000 बच्चों की जानकारी दिल्ली सरकार को दो साल पहले दी गई थी, जिसमें से एक भी बच्चे को पुनर्वासित नहीं की गया। इसके लिए की गई समीक्षा बैठकों से दिल्ली सरकार गायब रही।”
न्यायालय के निर्देश का नहीं हुआ पालन
उन्होंने आगे कहा, ”न्यायालय के इस सम्बंध में नीति बनाने के निर्देश का आज तक पालन नहीं हुआ। अब जबकि सोमवार को माननीय न्यायालय में इस मामले की सुनवाई है तब अरविंद केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री की सार्वजनिक स्वीकारोक्ति कि “दिल्ली के बालगृहों में बच्चों का खयाल नहीं रखा जाता एवं वे भागने को मजबूर हो जाते हैं।”को बेहद गम्भीरता से लिया गया है व नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण एवं कार्रवाई का विवरण मांगा जा रहा है।”