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दिल्ली सरकार राजधानी के सरकारी अस्पतालों की तस्वीर बदलने की दिशा में इनके री-मॉडलिंग पर काम करेगी। इसके साथ ही अब स्कूलों में भी मोहल्ला क्लीनिक शुरू होंगे। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र को 9769 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो कुल बजट का 13 फीसदी है।
इसमें 7522 करोड़ रुपये का राजस्व बजट और 2247 करोड़ रुपये का पूंजीगत बजट शामिल है। 5567 करोड़ रुपये की राशि स्वास्थ्य क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निर्धारित की गई हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य बजट 9934 करोड़ रुपये था।
सिसोदिया ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने राजधानी के 15 अस्पतालों की री मॉडलिंग का काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा चार नए अस्पतालों का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। नए अस्पतालों के बनने और री मॉडलिंग का कार्य पूरा होने के बाद अस्पतालों के बिस्तरों की
कुल क्षमता में 16 हजार से अधिक की बढ़ोतरी होगी। मौजूदा समय में दिल्ली के अस्पतालों में 13844 बिस्तरों की व्यवस्था है। बजट में अस्पतालों पर 1900 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा गया है। दिल्ली सरकार ने बजट में एक हजार और मोहल्ला क्लीनिक शुरू करने का लक्ष्य भी रखा है। आगामी वित्तीय वर्ष में सरकार इसके लिए 475 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। वर्तमान में 520 मोहल्ला क्लीनिक संचालित हैं। आगामी दिनों में स्कूलों में भी बच्चों के लिए आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक शुरू होंगे।
अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 20 स्कूलों में ये क्लीनिक चल रहे हैं। यहां एक-एक मनोचिकित्सक को भी तैनात किया जा रहा है ताकि बच्चों को मानसिक मानसिक उलझन और अवसाद से बचाया जा सके। हर छह महीने में बच्चों की जांच भी होगी। बीते वर्ष दिल्ली सरकार ने विशेष महिला मोहल्ला क्लीनिक शुरू करने की घोषणा की थी, जिसे शुरू करने की दिशा में काम हो रहा है।
घर-घर पहुंचेगा योग खुलेंगी योगशालाएं
दिल्ली सरकार ने राजधानी के प्रत्येक परिवार तक योग पहुंचाने की कवायद भी शुरू कर दी है। ‘आम आदमी योगशाला’ में दिल्ली सरकार के औषध विज्ञान अनुसंधान विवि द्वारा प्रशिक्षित 450 योग शिक्षक रोजाना 15 हजार से अधिक लोगों को उनकी ही सुविधा और समयानुसार योग सिखा रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने इस योजना को आगे भी रखने और इस पर 15 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है।
15 करोड़ रुपये खर्च कर आम आदमी योगशाला का होगा विस्तार
- लगातार दूसरी बार बजट में सरकार ने हर हाथ में हेल्थ कार्ड सौंपने का किया दावा
- वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य बजट में 9934 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए थे
बजट में खास
- दिल्ली सरकार ने स्कूलों में आम आदमी स्कूल क्लिनिक शुरू किए हैं। वर्तमान में ये 20 स्कूलों में पायलट आधार पर खोले गए हैं और प्रत्येक बच्चे की हर छह महीने में योग्य डॉक्टरों और नर्सों द्वारा पूर्ण जांच की जाती है।
- 4 नए अस्पतालों के निर्माण और 15 मौजूदा सरकारी अस्पतालों की रीमॉडलिंग के लिए 1900 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद बिस्तरों की क्षमता में 16 हजारकी बढ़ोतरी हो जाएगी।
- मौजूदा औषधालयों को अपग्रेड करने और आम आदमी मोहल्ला क्लीनिकों की संख्या को एक हजार तक बढ़ाने के लिए 2022-23 के बजट में 475 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
- दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत के बाद से अब तक 5.49 करोड़ रोगियों ने चिकित्सीय सेवाओं का लाभ उठाया है।
- दिल्ली आरोग्य कोष योजना के लिए 50 करोड़ रुपये प्रस्तावित।
- अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली और स्वास्थ्य कार्ड योजना के लिए 160 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है।
- सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योग साइंस के तहत आम आदमी योगशाला के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधा।
हर हाथ को हेल्थ कार्ड मिलेगा, दूर होगी परेशानी
सरकार ने बजट में लगातार दूसरे वर्ष भी दिल्ली वालों के हाथ हेल्थ कार्ड सौंपने का दावा किया है। इस योजना के लिए 160 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा। बीते वर्ष भी वित्त मंत्री ने अगस्त 2021 तक हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत सभी नागरिकों को एक-एक हेल्थ कार्ड दिया जाएगा। इन हेल्थ कार्ड धारकों के लिए निशुल्क हेल्पलाइन भी शुरू होगी, जिस पर फोन करके कोई भी हेल्थ कार्ड धारक किसी बीमारी के लिए कहां इलाज कराना है और क्या करना चाहिए? आदि की जानकारी हासिल कर पाएगा। इसी के साथ साथ हॉस्पिटल इनफॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए क्यूआर कोड आधारित कार्ड परिवार के सदस्यों की जानकारी प्राप्त करने में मददगार होगा।
फ्लाईओवर, अंडरपास और सब-वे के निर्माण से मिलेगी जाम से मुक्ति
फ्लाईओवर, अंडरपास और सब-वे के निर्माण से सड़कों पर वाहनों के जाम से राहत मिलेगी। सफर में भी वाई-फाई की मदद से इंटरनेट के निशुल्क इस्तेमाल का लोगों को मौका देने के लिए 11,000 हॉटस्पॉट लगाए गए हैं। वर्ष 2022-2023 के बजट में दिल्ली की सड़कें यात्रियों की सहूलियत और सुरक्षा के लिहाज से बेहतर होंगी। सड़कों पर निशुल्क वाई-फाई की सुविधा से जिंदगी की रफ्तार और तेज होने की उम्मीद जताई जा रही है।
सड़कों पर बुनियादी संरचनाओं को और सुदृढ़ करने के लिए आश्रम अंडरपास का निर्माण किया गया है। मई तक प्रगति मैदान पर दूसरा अंडरपास भी तैयार हो जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में पांच पुल, दो अंडरपास, एक पैदल सब-वे सहित डीएनडी फ्लाईओवर का आश्रम तक विस्तार किया जाएगा। इसके तहत त्रिनगर, इंद्रलोक, कर्मपुरा, रामपुरा, नांगलोई, बसई दरापुर, कोंडली और आश्रम चौक से भीड़भाड़ करने में मदद मिलेगी। इन परियोजनाओं पर वर्ष 2022-2023 में 114 करोड़ रुपये के परिव्यय का बजट में प्रस्ताव किया गया है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से करावल नगर, घोंडा और मंगल पांडे मार्ग के बृजपुरी जंक्शन पर एलिवेटेड कॉरिडोर सहित फ्लाइओवर का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है। निशुल्क वाई-फाई सुविधा के लिए लगाए गए हॉटस्पॉट से रोजाना 4.1 लाख लोगों को भागदौड़ की जिंदगी में भी इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल का मौका मिल रहा है।
फूड हब केंद्र व नाइट लाइफ कल्चर से 60 हजार नौकरियां
दिल्ली में भोजन और पेय पदार्थ क्षेत्र के व्यापारियों को सरकार बढ़ावा देगी। प्रमुख फूड हब्स केंद्रों की पहचान की जाएगी। एक फूड ट्रक पॉलिसी लाई जाएगी। ये फूड ट्रक रात 8 से 2 बजे तक संचालित होंगे। यानी, नाइट लाइफ कल्चर को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे दिल्ली की नाइट इकनॉमी बढ़ेगी और 60 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मिलती रहेगी फ्री सर्जरी जांच-इलाज की सुविधा
दिल्ली सरकार ने राजधानी में आरोग्य कोष के तहत निशुल्क उपचार, सर्जरी और रेडियोलॉजिकल जांच से जुड़ी निशुल्क योजना को आगे भी जारी रखा है। इन योजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। इसके साथ ही फरिश्ते योजना को भी सरकार ने जारी रखा है। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल, आग में झुलसने या फिर तेजाब पीड़िता को दिल्ली के किसी भी प्राइवेट अस्पताल में निशुल्क उपचार दिया जा रहा है। अप्रैल से दिसंबर 2021 के बीच इस योजना के तहत 2804 लोगों ने कैशलेस उपचार कराया है। वहीं, निजी केंद्रों पर 71559 मरीजों ने जांच कराई है।
शिक्षा में बेहतर पर स्वास्थ्य सेवाओं में आउटकम नहीं
दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों ही क्षेत्रों पर काफी जोर रहता है, यह काफी सराहनीय जरूर है, लेकिन शिक्षा के जो आउटकम हम देख रहे हैं, ठीक वैसे स्वास्थ्य क्षेत्र में दिखाई नहीं दे रहे हैं। जैसे सामान्य तौर पर शिक्षा और विशेष रूप से स्कूल स्तर पर अच्छे परिणाम आए हैं लेकिन स्वास्थ्य के मामले में ऐसा नहीं है। दिल्ली सरकार ने पिछले 3 वर्षों में द्वारका, बुराड़ी और अंबेडकर नगर में तीन बड़े अस्पताल बनाए, लेकिन इनमें से कोई भी कोविड देखभाल केंद्रों के रूप में उपयोग किए जाने के अलावा कार्यात्मक नहीं है। इसके अलावा सार्वजनिक-निजी भागीदारी को विकसित करने के लिए कदम उठाए गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसलिए चार नए अस्पताल खोलना बहुत दूर की बात है। तथ्य यह है कि सरकारी अस्पतालों का प्रबंधन चिंता का विषय रहा है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में इसका अनुभव भी मिला है। सरकार को आत्मनिरीक्षण करने और नए केंद्रों को स्वायत्त मोड में या निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में विकसित करने की आवश्यकता है। सरकार को ऐसे तृतीयक देखभाल अस्पतालों को चलाने और शुरू से ही निजी क्षेत्र को शामिल करने के लिए नवीन विचारों को लागू करने की आवश्यकता है। सहानुभूति और जवाबदेही दो प्रमुख कारक हैं जो सरकारी अस्पतालों में खोजना मुश्किल है और जब तक हम इसे संबोधित करने में सक्षम नहीं होंगे, सरकारी अस्पताल अप्रभावी ही रहेंगे।
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