Wednesday , December 18 2024

खंडवा जिले में खेत के कुएं में गिरा तेंदुआ, वन विभाग ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा

खंडवा। आदिवासी ब्लाक खालवा की ग्राम पंचायत खातेगांव में खेत के कुएं में एक तेंदुआ गिरने पर वन विभाग द्वारा उसे रेस्क्यू किया गया। खंडवा और बैतूल जिले के सीमावर्ती ग्राम खातेगांव के पास रात में भटकते हुए एक तेंदुआ कुएं में गिर गया। सुबह कुएं से तेंदुआ गुर्राने की आवाज आने पर ग्रामीणों ने कुएं में झांका तो तेंदुआ नजर आया। ग्रामीणों ने वन समिति सदस्यों व पूर्व कालीभीत वन क्षेत्र के रेंजर नानकराम कुशवाह को सूचना दी। उन्होंने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया। शिकार या पानी की तलाश में भटकते हुए रात्रि में तेंदुआ कुएं में गिर गया होगा। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने तेंदुए को कुएं से रेस्क्यू किया है। तेंदुआ स्वस्थ होने से उसे कालीभीत के जंगल में छोड़ दिया है। रेंजर कुशवाह ने बताया कि जंगल मे बड़ी संख्या में वन्य प्राणी है। गर्मी में इनके लिए पानी की व्यवस्था की जा रही है।

सूचना मिलने पर खंडवा से डीएफओ अनिल कुमार शुक्ला भी खातेगांव पहुंचे। दोपहर करीब साढ़े बारह बजे वनपरिक्षेत्र अधिकारी पूर्व कालीभीत नानकराम कुशवाह, वनपरिक्षेत्र अधिकारी मोरघड़ी अजय सागर, रेस्क्यू टीम वनपाल गणेश काजले, सोहनसिंह सोलंकी, वनरक्षक पंजाबराव पंडाग्रे, मंगल किराड़े, आशीष अरझरिया, प्रदीप ओझा ने सुरक्षित रूप से तेंदुए को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की। टीम द्वारा कुएं में बांस की दो सीढ़ियां डालकर तेंदुए को बाहर निकाला।

पानी के लिए भटकाव

ग्रीष्मकाल में पानी की तलाश में वन्य प्राणी भटकने की घटनाएं सामने आती हैं। कालीभीत का जंगल पहाड़ियों पर होने व यहां पर बहने वाली नदियों व नालों में पानी जल्दी सूख जाता है। जंगल में पानी न मिलते से वन्य प्राणियों का पानी के लिए भटकाव शुरू हो जाता है। पानी की तलाश में गांवों या खेतों की ओर वन्य प्राणियों का मूवमेंट बढ़ जाता है। ऐसे में जंगली जानवर हादसे का शिकार होने और पालतू पशुओं व कुत्तों के शिकार की घटनाएं भी सामने आती है।