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30 साल से जबलपुर में तलाश रहे जमीन, नहीं मिली तो जैविक खेती से जुड़ा सेंटर नागपुर ले जाने की तैयारी

जबलपुर: मध्यप्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा प्रदेश सरकार ही नहीं केंद्र भी कई योजनाओं को जमीन पर लाने में जुटा है। वहीं हकीकत यह है कि जबलपुर के किसानों को पिछले 30 साल से जैविक खेती का प्रशिक्षण देने वाले संस्थान को सेंटर बनाने के लिए जमीन तक नहीं मिली। इस वजह से सेंटर को जबलपुर से उठाकर नागपुर में शिफ्ट किया जा रहा है। इसके विरोध में अब तक न तो कोई जनप्रतिनिधि आगे आया है और न ही कोई किसान संगठन। हालांकि किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के इस निर्णय का विरोध शुरू कर दिया है। दरअसल शताब्दीपुरम विजय नगर में किराए के भवन में चले रहे रीजनल सेंटर आफ आर्गेनिक फार्मिंग (क्षेत्रीय जैविक खाद संस्थान) को नागपुर ले जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। संभावना है कि अप्रैल माह में इसे शिफ्ट भी कर दिया जाए।

जमीन के लिए भटक रहे : सेंटर में जैविक खाद का प्रशिक्षण लेने वाले किसान प्रमोद उरमलिया बताते हैं कि मध्यप्रदेश का एक मात्र जैविक खाद का प्रशिक्षण संस्थान 30 साल से जबलपुर में है, जो किराए के भवन में ही चल रहा है। इस आज तक जमीन नहीं आवंटित की गई। इस वजह से इसे अब नागपुर ले जाया जा रहा है। इसके वहां जाने से मध्यप्रदेश में एक भी ऐसा सेंटर नहीं होगा, जहां किसान जैविक खाद से जुड़ी तकनीकी और व्यावहारिक जानकारी ले सके। सिर्फ जमीन न मिलने की वजह से शहर ही नहीं मध्यप्रदेश में इतना बड़ा नुकसान हो रहा है, जो कृषि और किसान, दोनों नजरिए से गलत है।

किसानों ने किया विरोध : केंद्रीय कृषि मंत्रालय के इस निर्णय को किसानों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि वे किसी भी कीमत से इस सेंटर को अन्य राज्य में नहीं जाने देंगे। उनका कहना है कि मध्यप्रदेश में केंद्रीय और राज्य, दोनों कृषि मंत्री होने के बाद भी यदि यह सेंटर दूसरे राज्य में शिफ्ट किया जा रहा है तो इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता। किसानों ने कहा है कि वे जल्द ही इसका विरोध करने प्रदर्शन भी करेंगे। इसे किसी भी कीमत में नागपुर नहीं जाने दिया जाएगा।

किराए के भवन में सेंटर चलाने बजट नहीं : राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र ने 11 मार्च 2022 को आदेश जारी किया, जिसमें जबलपुर के इस सेंटर को नागपुर के रीजनल सेंटर आफ आर्गेनिक फार्मिंग में समायोजित करने कहा है। इस आदेश के जारी होते ही शहर के किसानों ही नहीं बल्कि कृषि विज्ञानी भी नाखुश है। उन्होंने इस आदेश पर नाराजगी बया की है।

जबलपुर के रीजनल सेंटर आफ आर्गेनिक फार्मिंग को नागपुर शिफ्ट करने संबंधित जानकारी मेरे संज्ञान में आई है। इस मामले को मैं केंद्रीय कृषि मंत्री से बात करूंगा। केंद्रीय कृषि मंत्री मध्यप्रदेश के ही हैं और मुझे विश्वास है कि वे इसे नागपुर में शिफ्ट नहीं होने देंगे।

-कमल पटेल, कृषि मंत्री, मध्यप्रदेश

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मेरे संज्ञान में आया है कि जमीन की वजह से रीजनल सेंटर आफ आर्गेनिक फार्मिंग को जबलपुर से नागपुर शिफ्ट किया जा रहा है। सेंटर को जबलपुर में जमीन चाहिए और वे इसके लिए आवेदन करते हैं तो प्रशासन इसे गंभीरता से लेकर उन्हें शहर में ही जमीन दिलाएगा।