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कानपुर: शोरूम मालिक की दो विभागों से यारी, हरे पेड़ पर चल गई आरी, सामने आया नगर निगम का ये खेल

कानपुर में तिलक नगर में एमरॉल्ड गार्डेन के सामने निर्माणाधीन शोरूम के बाहर लगे हरे पेड़ को बचाने की पूरी गुंजाइश थी, इसके बाद भी पर्यावरण के दुश्मनों ने मिलीभगत कर पेड़ पर आरी चलवा दी। जिस नीम के पेड़ से जानमाल का खतरा बताकर इसे काटने की अनुमति ली गई, उसका तना पूरी तरह ठोस था।

मतलब उसके गिरने की कोई आशंका नहीं थी। हाईटेंशन लाइन के तारों को पेड़ छू रहा था, तो उसकी छंटाई की जा सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, भवन स्वामी ने पेड़ काटने की अनुमति मांगी और नगर निगम व वन विभाग ने आंखों में पट्टी बांधकर दे भी दी। कहा जा रहा सत्तारूढ़ पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने भी इसकी सिफारिश की।

स्वरूप नगर निवासी गौरव कुमार ने नगर निगम के उद्यान अधिकारी व उद्यान सलाहकार को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि उनके शोरूम का निर्माण चल रहा है, जिसके सामने नीम और सेमल का पेड़ लगा है। पेड़ हाईटेंशन लाइन को छू रहा है। मकान के रास्ते में भी है।

इसके अलावा खतरा बताकर अतिशीघ्र कटवाने का आग्रह किया। नगर निगम के उद्यानिकी सलाहकार एमपी सिंह ने 13 जनवरी को सामाजिक वानिकी प्रभाग के प्रभागीय निदेशक अरविंद कुमार यादव को गौरव के प्रार्थनापत्र का हवाला देकर पत्र लिखा। यह भी लिखा कि पेड़ों का निरीक्षण क्षेत्रीय माली से कराया गया है।

उसकी रिपोर्ट के अनुसार पेड़ कटने योग्य हैं। प्रभागीय निदेशक ने भी क्षेत्रीय वन अधिकारी कानपुर रेंज की संस्तुति के आधार पर इस शर्त के साथ आठ मार्च को इन पेड़ों को काटने की अनुमति दी कि इनके बदले 10 गुना ज्यादा पौधे लगाने होंगे। पौधों का प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराने को कहा गया। 

पेड़ को निर्माण में बाधा मानकर काटा गया
पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे गौरव वाजपेयी का कहना है कि निर्माण कार्य में पेड़ को बाधा मानकर काटा गया है। हरे पेड़ को काटने का कोई जायज कारण बताने के बजाय हाईटेंशन लाइन और पेड़ के पुराने होने की बात कही जा रही है। जबकि पेड़ का तना देखकर स्पष्ट है कि वह स्वस्थ था। कहीं से भी खोखला नहीं था। यदि बिजली के तारों से दिक्कत थी तो छंटाई कर पेड़ को बचाया जा सकता था। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। 

ठंडी पुलिया नाम से मशहूर रोड पर बचे कुछ ही पेड़
स्वरूप नगर से कंपनी बाग, नवाबगंज रोड पर जिस स्थान पर पेट्रोल पंप खुल गया है, उसके पास एक पुलिया थी, जो ठंडी पुलिया के नाम से मशहूर है।  बुजुर्गों के अनुसार उस पुलिया के आसपास इतने ज्यादा पेड़ थे, जिनकी वजह से मई-जून में भी ठंडक का एहसास होता था, पर अब इस रोड पर गिने-चुने पेड़ ही रह गए हैं।

नगर निगम ने मांगी पेड़ काटने की अनुमति, कट गया तो विरोध भी जताया
शोरूम के बाहर लगे नीम के पेड़ को काटने के मामले में नगर निगम का खेल भी सामने आ रहा है। पहला तो यह कि यदि पेड़ हाईटेंशन लाइन को छू रहा था तो उसकी छंटाई की जा सकती थी, पूरा पेड़ क्यों काटा गया। दूसरा यह कि नगर निगम ने ही पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी। पेड़ कट गया तब महापौर विरोध करने क्यों पहुंची। अनुमति मिलने के बाद भी इसे काटने से रोका जा सकता था।

नगर निगम ने मांगी पेड़ काटने की अनुमति, कट गया तो विरोध भी जताया
तिलक नगर में एमरॉल्ड गार्डेन के सामने निर्माणाधीन शोरूम के बाहर लगे नीम के पेड़ को काटने के मामले में नगर निगम का खेल भी सामने आ रहा है। पहला तो यह कि यदि पेड़ हाईटेंशन लाइन को छू रहा था तो उसकी छंटाई की जा सकती थी, पूरा पेड़ क्यों काटा गया। दूसरा यह कि नगर निगम ने ही पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी।

पेड़ कट गया तब महापौर विरोध करने क्यों पहुंची। अनुमति मिलने के बाद भी इसे काटने से रोका जा सकता था। नगर निगम के उद्यानिक सलाहकार की ओर से पेड़ काटने के संबंध में 14 जनवरी को पत्र प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभार को भेजा गया था। इसमें पेड़ को खतरनाक बताकर इसे काटने की अनुमति मांगी गई थी। इस पर वन विभाग ने अनुमति दी थी। इस संबंध में विभाग का कहना है कि यह नगर निगम की संपत्ति है। इसकी जांच कराई गई थी। हाईटेंशन की वजह से इसे काटने को कहा गया था। हालांकि साथ में शर्त भी रखी गई थी कि आसपास दस गुने पेड़ नगर निगम को लगवाने होंगे। 

एक और पेड़ काटने की मिल चुकी है अनुमति
एमरॉल्ड गार्डेन के सामने नीम के पेड़ के अलावा सेमल के पेड़ को भी काटने की अनुमति जारी की गई है। ऐसे में संभावना है कि इस पेड़ को भी काट दिया जाएगा।