वाराणसी समेत प्रदेश भर की 60 नदियों के पुनरुद्धार कराने की तैयारी चल रही है। काशी की वरुणा, गोमती, बाणगंगा, नंद, करमनासा, गड़ई सहित कई नदियों का पुनरोद्धार और संरक्षित किया जाएगा। इसमें आईआईटी बीएचयू, कानपुर और रुड़की का भी सहयोग लिया जाएगा।
मंगलवार को शासन स्तर से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में इसका खाका तैयार कर लिया गया है। बैठक में इससे जुड़े कई बिंदुओं पर मंथन किया गया।
प्रदेश की 60 नदियों के पुनरोद्धार की कवायद चल रही है।
मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य विकास अधिकारी, बंधी प्रखंड के एक्सईएन, सिंचाई विभाग समेत कई विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें नदियों को एक दूसरे से जुड़कर खाका तैयार किया गया। सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस काम में कानपुर, रुड़की सहित बीएचयू आईआईटी का भी तकनीक सहयोग लिया जाएगा।
बैठक में शामिल आईआईटी बीएचयू के प्रो. प्रभात कुमार सिंह ने भी इस पर अपनी राय रखी। प्रदेश स्तर की ऑनलाइन बैठक में तमाम विशेषज्ञों ने आगे की रणनीति तैयार करने की बात कही। परियोजना के तहत बनारस समेत प्रदेश की 60 नदियों का पुनरुद्धार किया जाएगा। जिन नदियों का पुनरोद्धार किया जाएगा, उसमें वाराणसी में असि, प्रयागराज, जौनपुर, भदोही और वाराणसी में वरुणा के साथ ही जालौन, लखनऊ, उन्नाव आदि प्रमुख है।