रोहिणी जिले के प्रेम नगर थाना इलाके में एक पिता ने अपनी गरीबी को दूर करने के लिए अपने पांच दिन के बच्चे का सौदा कर लिया। पुलिस ने इस मामले में पिता व दो महिलाओं समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के निशाने पर निसंतान दपंती थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच लाख रुपये भी बरामद किए हैं।
रोहिणी जिला डीसीपी प्रवण तायल के अनुसार आरोपियों की पहचान बलजीत नगर निवासी इकरत उर्फ गुड्डी(30), दुर्गा एंक्लेव, कंझावला निवासी रेनू(28), गाजियाबाद निवासी मोनी बेगम(30), गुलमोहर एंक्लेव गाजियाबाद निवासी रेखा(46), बलजीत नगर निवासी व बच्चे के पिता सद्दान (50) और सिद्धार्थ विहार गाजियाबाद निवासी योगेश(36) के रूप में हुई है। डीसीपी के अनुसार एक अप्रैल को 3.36 बजे पांच दिन के बच्चे के गायब होने की सूचना मिली थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो बच्चे की मां उम्मत प्रवीण ने बताया कि वह सुबह 11 बजे बच्चे के साथ सोई थी। दोपहर करीब सवा बारह बजे उसकी आंख खुली तो बच्चा गायब मिला।
अपहरण का मामला दर्जकर एसीपी अतुल कुमार वर्मा की देखरेख में प्रेम नगर थानाध्यक्ष राजीव रंजन की टीम ने जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में एक महिला बच्चे को ले जाती हुई नजर आई। उसके साथ पीड़ित महिला की भतीजी इकरत भी जाती हुई दिखाई दी। कुछ देर बाद इकरत लौट आई। कुछ देर बाद वह इकरत लौट आई। इकरत से पूछताछ की गई तो उसने सच उगल दिया। उसने बताया कि उसने बच्चे की मां को नींद की गोलियां खिला दी थीं, ताकि बच्चे का आसानी से अगवा किया जा सके। उसने बताया कि इस अपराध में बच्चे का पिता मोहम्मद सद्दान भी शामिल है। वह उसने गरीबी के चलते बच्चे को बेचने का सौदा कर लिया था। इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले कंझालवा में परचूने की दुकान चलाने वाली इकरत को गिरफ्तार किया। इसक बाद रेनू को पकड़ा।
पूछताछ में पता चला कि रेनू इकरत व मोनी के साथ बच्ची को नोएडा एक्सटेंशन स्थित आईवीएऊ क्लीनिक ले गए थे। यहां इन्होंने बच्चे को योगेश, सोनम और रेखा के हवाले कर दिया था। आईवीएफ क्लीनिक में रेखा व सोनम सलाहकार के तौर पर काम करते थीं। रेनू्, इकरत, गुडिया और मोनी को पचास पचास हजार रुपए देने का ऑफर दिया गया, जबकि बच्चे के पिता को एक लाख रुपए दिए गए। प्रेम नगर पुलिस ने योगेश की निशानदेही पर अगवा बच्चे को फरीदाबाद, हरियाणा से बरामद कर लिया। इसके बाद मो. सद्दान व अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
रोहिणी जिला पुलिस अधिकारियों के अनुसार रेखा व सोनम आईवीएफ क्लीनिक में सलाहकार के तौर पर काम करते थे। इन्हें निसंतान दंपतियों के बारे में पूरी जानकारी होती थी। इन्होंने फराज नाम के एक व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्चा गोद लेने का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए फराज तैयार हो गया था। फराज के सामने इकरत बच्चे की मां बनी थी। रेनू बुआ बनी थी। आरोपियों ने फरीदाबाद में बच्चे को लेने संबंधी कानूनी प्रक्रिया के कागजात बनवाने का प्रयास किया थ। जांच में ये बात सामने आई है कि बच्चे का सौदा साढ़े सात लाख रुपये में हुआ था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर बरामद किया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी अब कितने बच्चों का सौदा कर चुके हैं।