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वाराणसी: घर में रोज इस्तेमाल होने वाले नींबू को लगी महंगाई की नजर, आसमान छूती कीमतों ने किया मन खट्टा

मौसम की मार, डीजल की बढ़ रही कीमत और त्योहारों पर बढ़ रही मांग से नींबू के दाम बढ़ गए हैं। वाराणसी के पहड़िया मंडी में शुक्रवार को एक बोरी नींबू (25 किलो लगभग एक हजार पीस ) छह हजार रुपये तक यानी 240 रुपये किलो बिका। कई जगहों पर इसकी कीमत 250 तक पहुंच गई है। फुटकर में एक पीस नींबू 10 से 15 रुपये में मिल रहा है। 

रमजान और नवरात्र के साथ चिलचिलाती धूप में नींबू की मांग बढ़ने से कीमतों में भारी उछाल आया है। पहले जो नींबू एक से तीन रुपये में मिलता था। अब 10 से 15 रुपये में मिल रहा है। नवरात्र और गर्मी में शरबत की काफी खपत होती है, इसमें नींबू का खूब इस्तेमाल होता है। ऐसे में दाम बढ़ने से इसका सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ रहा है। 

नींबू की कीमत में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि

पहड़िया मंडी के प्रगतिशील फल सब्जी व्यवसायी समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनकर बताते हैं कि यह पहली बार हुआ है जब नींबू की कीमत में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि हुई है। डीजल की कीमत बढ़ने और दक्षिण भारत के प्रदेशों में मौसम की मार से नींबू के उत्पादन पर असर पड़ा।

मात्र एक ट्रक ही नींबू आ रहा बनारस

मंडी में मांग के मुताबिक कम आवक है। पहले मार्च अप्रैल और मई में आठ से 10 ट्रक नींबू आता था अब मात्र एक ट्रक ही नींबू आ रहा है जिसे दो से तीन व्यापारी मिलकर मंगा रहे है। फरवरी में जिस 25 किलो नींबू की बोरी की कीमत दो से तीन हजार रुपये थी अब छह हजार रुपये के पार पहुंच गई है। 

जिला उद्यान अधिकारी  संदीप कुमार गुप्त ने कहा कि गर्मी और त्यौहार के चलते थोक और फुटकर बाजार में नींबू की कीमतें बढ़ी हैं। बारिश के कारण उत्पादन कम हुआ। मांग के सापेक्ष कम आवक होने से कीमतें बढ़ी हैं। बनारस में 35 से 40 हेक्टेयर में किसान नींबू की खेती करते हैं। पिछले साल विभागीय योजना के तहत 10 हेक्टेयर में नींबू के बाग लगवाए गए, बावजूद मांग के मुकाबले कम उत्पादन है।