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इंदौर में चालीस दिनों में 37 ऐसे वनक्षेत्र जहां चार से पांच बार लगी आग

इंदौर। गर्मी शुरू होते ही प्रदेशभर का जंगल सुलगने लगा है। आए दिन कहीं न कहीं जंगल में आग लगने की घटना सामने आ रही है। महज चालीस दिन के आंकड़ों को नजर डाले तो अकेले इंदौर वनमंडल में 240 बार आग लगी है, जिसमें चोरल रेंज का जंगल सबसे ज्यादा बार जला है। यहां 14 वनक्षेत्र में चार से पांच बार आग लग चुकी है। ऐसा ही हाल महू-इंदौर में आठ और मानपुर में नौ वनक्षेत्रों का रहा है।

बार-बार आग लगने से सैकड़ों पेड़ों को बुरी तरह झुलस चुके है। सागवान, नीम, अंजन, बबूल, करंज, पारसपीपल, सुबबूल जैसे पेड़ खाक हो चुके है। यहां तक पेड़ों की शक्ल ले रहे छोटे पौधे भी नष्ट हो गए है। आग से तीन सौ एकड़ जंगल को नुकसान हुआ है।

फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया (एफएसआइ) की वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 15 मार्च से 25 अप्रैल के बीच 240 बार जंगल जला है। खास बात यह है कि 90 प्रतिशत आग लगाने का कारण अभी अज्ञात है। अधिकारियों के मुताबिक जंगल में जलती बीडी-सिगरेट फेंकने, अतिक्रमण करने के उद्देश्य से, मन्नत पूरी होने पर और महुआ बीनने के लिए आग लगाना बताया है। सोमवार को एपीसीसीएफ सीएच मोहंता ने बैठक बुलाई। जहां इंदौर, चोरल, महू और मानपुर रेंज के रेंजर, डिप्टी रेंजर और वनपाल मौजूद थे। बार-बार आग लगाने की घटना पर अफसरों ने चिंता जाहिर की है।

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टाउनशिप से लगी थी आग

रालामंडल अभयारण्य में भी 22 मार्च रंगपंचमी के दिन आग लगी थी। 10-12 हैक्टेयर जंगल जल गया था। आग बुझाने में सात घंटे लगे थे। जांच में वनकर्मियों ने पाया कि आग अभयारण्य के पीछे बनी टाउनशिप से लगी है। मामले में वन विभाग ने दो लोगों को नोटिस दिया है, जिसमें एक बिल्डर भी शामिल है। वहीं चोरल में 18 अप्रैल को 15 स्थानों पर आग लगी थी, जो खरगोन वनमंडल की बड़वाह रेंज के जंगलों तक पहुंच गई थी।

कई बार सुलगे ये वनक्षेत्र

चोरल: दक्षिण बेका, उमठ, रसकुडिया, कालाकुंड, नयापुरा, राजपुरा, चोरल दक्षिण-पश्चिम, कुलथाना, बाईघाट, गाजिदा, भेरुघाट, तलाई, सुरतीपुरा, लोहानी माता, मेंडल, जगजीवन।

इंदौर: भड़किया, नाहार झाबुआ, बेरछा, अंगद, माचल, चिकली, खुडेल, देवगुराडिया।

महू: घोड़ाखुर्द, बड़गोंदा, बड़ीजाम, कुशलगढ़, मेंहदीकुंड, आशापुरा, गुंजारा।

मानपुर: मानपुर पूर्व, जमाली, छपरा, फुटा तालाब, वीरम, गोकल्याकुंड, बड़गोंदा।

(एफएसआइ की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के आधार पर इन वनक्षेत्रों में तीन से पांच बार आग लगी)

रिपोर्ट देने के दिए निर्देश

आग की घटनाओं पर नियंत्रण रखने के लिए स्टाफ को निर्देश दिए है। वनक्षेत्र में लगी आग से जुड़ी रिपोर्ट भी वनकर्मियों से मांगी है। कई वनक्षेत्र में आग बार-बार लग रही है। वहां स्टाफ को अधिक ध्यान देने के लिए कहा है।

 सीएच मोहंता, एपीसीसीएफ, इंदौर वृत

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