बिलासपुर। बिलासपुर निगम के महापौर रामशरण यादव ने अपने निवास में सफाई कामगारों के साथ बोरे बासी का सामूहिक सेवन किया। उन्होंने बोरे बासी के महत्व को लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी व्यंजन में से एक बोरे बासी में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है। वर्तमान में जिस तरह बिलासपुर का पारा 45 डिग्री के आसपास है। ऐसे में बोरे बासी का सेवन गर्मी से बचाव करता है। साथ ही लू लगने की आशंका को काफी हद तक कम करने में मदद करता है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की समृद्धि परंपरा तथा विरासत के लगातार प्रसार तथा इसे जन जन तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के द्वारा मजदूर दिवस के अवसर पर महनतकश कर्मठ मजदूरों के सम्मान दिवस पर बोरे बासी का आयोजन किया गया। एक मई को बिलासपुर के मेयर रामशरण यादव नगर निगम के सफाई कर्मियों के साथ बोरे बासी का सेवन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रमिक शामिल थे। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रमोद नायक उपस्थित थे।
जगह—जगह हुआ आयोजन
श्रमिक दिवस के अवसर पर रविवार को पूरे प्रदेश भर में सामूहिक बोरे बासी का आयोजन किया गया। बिलासपुर में भी इसकी धूम रही। जनप्रतिनिधियों ने अपने—अपने घरों में बोरे बासी का सेवन किया। कुछ जगहों पर सामूहिक रूप से इसका आयोजन किया गया। कलेक्टर डा. सारांश मित्तर ने भी बासी का स्वाद चखा।
बोरे बासी में भरपूर है पोषक तत्व
गर्मी के दिनों में बोरे बासी का अपना अलग महत्व होता है। इसमें प्रोटीन मात्रा सर्वाधिक होती है। रात में बचे पके चावल को सुबह ठंडा पानी डालकर रखते हैं। सुबह इसका सेवन किया जाता है। इसे ही बासी कहा जाता है। वहीं दोपहर के बचे चावल को पानी से भिगो देते हैं। शाम को इसका सेवन किया जाता है। इसे बोरे बासी कहा जाता है। इसमें स्वादानुसार नमक मिलाया जाता है। फिर सब्जी, प्याज, अचार, पापड़, बिजौरी इत्यादि के साथ खाया जाता है। कई बार लोग केवल नमक और प्याज से बासी खाते हैं। गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है। पाचन शक्ति बढ़ाता है। त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह रामबाण है। इसमें सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।