South-West Monsoon: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल तट पर दस्तक दे दी है। निर्धारित समय से तीन पहले केरल मानसून पहुंचा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसकी पुष्टि कर दी है। इससे पहले आईएमडी ने एक पखवाड़े पहले बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवात आसनी की मदद से 27 मई को केरल में बारिश की शुरुआत की भविष्यवाणी की थी। माना जा रहा है कि अब मानसून सही गति से आगे बढ़ेगा और देश के विभिन्न राज्यों में बारिश का दौर शुरू होगा। इससे पहले विभिन्न राज्यों में प्री-मानसून गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। इससे लोगों ने भीषण गर्मीा से राहत की सांस ली है। राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह भी बारिश हुई।
मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार को केरल और लक्षद्वीप के अधिकांश स्थानों पर अच्छी वर्षा हुई है। 1 जून से पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की सभी गतिविधियां तेज हो सकती हैं। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत में भी भारी से बहुत भारी बारिश नहीं होगी।
स्कायमेट वेदर के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, केरल, तटीय कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी पंजाब, गोवा और तटीय ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश हुई। सिक्किम, दक्षिण कोंकण और गोवा, हरियाणा के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश हुई और छत्तीसगढ़, झारखंड और आंध्र प्रदेश के एक या दो हिस्सों में हल्की बारिश हुई।
वहीं अगले 24 घंटों के दौरान, केरल, अरब सागर के कुछ हिस्से और लक्षद्वीप क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और लक्षद्वीप क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।
बिहार, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, दक्षिण कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय की तलहटी में हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
दक्षिण भारत कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कोंकण और गोवा, दक्षिण छत्तीसगढ़, ओडिशा के कुछ हिस्सों और गंगीय पश्चिम बंगाल झारखंड और मराठवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में हल्की बारिश संभव है।