Wednesday , December 18 2024

अव्यवस्थाओं का आलम: काशी विश्वनाथ धाम जाने की राह में जल रहे पांव, न पानी का इंतजाम न सर पे छांव

नंगे पांव तपते पत्थरों पर उछलते-कूदते-दौड़ते हुए भक्त पहुंच रहे बाबा विश्वनाथ के धाम

श्री काशी विश्वनाथ धाम की व्यवस्थाओं पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं लेकिन तस्वीरें कुछ और बयां कर रही हैं। गरमी का आलम यह है कि गेट पर पांव रखते ही भक्त उछल जा रहे हैं। मंदिर प्रशासन का दावा है कि उसने भक्तों के लिए कैनोपी लगाई है लेकिन वहां तक पहुंचने में भक्तों के पांव में छाले पड़ जा रहे हैं और चेहरा सुर्ख हो जा रहा है।

धाम के गेट वे ऑफ कॉरिडोर की राह भक्तों के लिए बेहद कठिन है। दशाश्वमेध घाट से ललिता घाट तक न तो कहीं पानी का इंतजाम है न ही छांव का। नंगे पांव तपते हुए पत्थरों पर उछलते-कूदते-दौड़ते हुए भक्त बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। धाम के प्रवेश द्वार की सीढ़ियों से पांच सौ मीटर दूरी तय करने के बाद ही श्रद्धालुओं को छांव नसीब हो रही है।

आए दिन धाम में हीट स्ट्रोक से बेहोश होने की घटनाएं
मंदिर की अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को दोपहर बाद गेट नंबर एक से ललिता घाट के लिए भेज दिया जा रहा है। श्रद्धालु वहीं से नंगे पैर चलते हुए जेठ की तपती दुपहरिया में घाट पहुंच रहे हैं। आए दिन धाम में श्रद्धालुओं के हीट स्ट्रोक से बेहोश होने की घटनाएं हो रही हैं। मंडलायुक्त ने धाम का औचक निरीक्षण किया था और श्रद्धालुओं के लिए मैट और कैनोपी लगाने के लिए निर्देश दिए थे। कैनोपी जो लगाई है वह मंदिर परिसर के अंदर ही है। ललिता घाट की ओर से मंदिर चौक के प्रवेश द्वार के बाहर ही कैनोपी लगाई गई है।

धाम जाने की राह में न सर पे छांव न पानी का इंतजाम

मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि इस समय श्रद्धालुओं की संख्या धाम में अधिक है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर क्षेत्र में इंतजाम कराए गए हैं। कैनोपी लगाने के साथ ही मैट भी बिछवाया गया है।

बेहोश होकर गिरा कर्मचारी
रविवार को धाम के गेट वे ऑफ कॉरिडोर के पास काम कर रहा मजदूर सुरेश (51) रविवार की दोपहर में गरमी के कारण बेहोश होकर गिर पड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने उसे उठाया और कार्यालय ले गए। इसके बाद उसे मंडलीय चिकित्सालय भेजा गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम में शनिवार को गरमी के कारण दो श्रद्धालु गिरकर बेहोश हो गए थे। इसमें से एक कर्मचारी को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया जबकि दूसरी महिला श्रद्धालु की हालत गंभीर बनी हुई है। 

धाम में गर्मी से 48 घंटे में दो दर्शनार्थियों की मौत

बेहोश श्रद्धालु को अस्पताल ले जाते जवान

काशी विश्वनाथ धाम में रविवार को तेज गर्मी के कारण तीन श्रद्धालु बेहोश हो गए। उसमें से एक महिला श्रद्धालु की इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि दो को प्राथमिक इलाज के बाद छोड़ दिया गया। लगातार दूसरे दिन धाम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के मरने और बेहोश होने की घटना के बाद मंदिर प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरतने लगा है।

रविवार को कर्नाटक के बेलगाम की आशा देवी (57) परिवार के साथ दोपहर तीन बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंची। इस दौरान गर्मी के कारण उनकी हालत बिगड़ गई। मंदिर परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने आशा को इलाज के लिए मंडलीय अस्पताल भेजा। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं दोपहर में एक बुजुर्ग और एक बच्चा भी गरमी के कारण बेहोश हो गया। मौके पर ही दोनों का प्राथमिक उपचार किया गया। होश आने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया।

धाम परिसर में लगाया गया कैनोपी नाकाफी

शनिवार को भी मंदिर परिसर में गर्मी के कारण आंध्र प्रदेश के अल्लापार्ती चंद्रबोस (75) की मौत हो गई थी जबकि तमिलनाडु के कांचीपुरम की एम कामाक्षी बेहोश हो गई थीं। उनका इलाज मंडलीय अस्पताल में कराया गया। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि हीटस्ट्रोक को अलग वार्ड बनाया गया है और इमरजेंसी के डॉक्टरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। एंबुलेंस संचालकों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है।

new