मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की आवश्यकता होती है हमने पिछले पांच साल में पुलिस व पीएसी में 162000 जवानों की भर्ती की।
पूर्ववर्ती सरकारों ने पीएसी बल को समाप्त करने का कुत्सित प्रयास किया। 54 कंपनी पीएसी समाप्त कर दी गयी थी। प्रदेश की सुरक्षा को सेंध लगाने का की कोशिश की जा रही थी।
इन जवानों को पुलिस बल का हिस्सा बनने से रोकने का प्रयास किया जा रहा था। हमने उनकी नियुक्ति का रास्ता साफ किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को लखनऊ की पुलिस लाइन में आयोजित दीक्षांत परेड में परेड की सलामी लेने के बाद संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2017 में जब प्रदेश में नई सरकार का गठन हुआ था। उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस बल में भारी संख्या में पुलिस और पीएसी के पदों की भर्ती लंबित थी। हमने भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और 162000 भर्ती की और प्रशिक्षण के काम को आगे बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 में चयनित 15787 पीएससी रिक्रूटमेंट भारत प्रशिक्षण जनवरी 2022 में प्रारंभ हुआ था। 6 माह के अपने सफलतम प्रशिक्षण के कारण आज प्रदेश के 87 केंद्रों में दीक्षांत परेड का आयोजन किया जा रहा है। मैं इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा उत्तीरर्ण करने के लिए सभी बहादुर जवानों का हृदय से स्वागत करता हूं।
प्रदेश में न सिर्फ भर्ती प्रकिया को समय से पूरा किया गया है बल्कि कार्यरत पुलिसकर्मियों को भी समय से पदोन्नत भी किया जा रहा है जिससे कि वो बढ़े हुए मनोबल के साथ काम कर सकें। पदोन्नति प्रक्रिया कई वर्षों से अटकी हुई थी जिसे भाजपा की सरकार आने के बाद आगे बढ़ाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के लिए अच्छी आवासीय सुविधाएं नहीं थीं। उनके लिए बैरक थे। प्रशिक्षण के लिए सुविधाओं का अभाव था। आज मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के सभी साथियों की सुविधाओं के लिए बैरक और आवासीय सुविधाओं को बेहतर बनाने की कार्रवाई की गई है।